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    Uttarakhand: कुमाऊं में भी बारिश ने बरपाया कहर, दो लापता और 2 की मौत

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 06:49 PM (IST)

    पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। डीडीहाट में एक महिला की मौत हो गई जब वह अपने जानवरों को बचाने की कोशिश कर रही थी। नाचनी में दो भाइयों के प्रधानमंत्री आवास क्षतिग्रस्त हो गए। कोटाबाग में एक बोलेरो नाले में बह गई जिससे चालक की मौत हो गई। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

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    डीडीहाट नगर में भूस्खलन से मकान ध्वस्त, महिला की मौत. Concept

    संवाद सूत्र, जागरण, डीडीहाट/नाचनी (पिथौरागढ़)। मानसून काल के चरम में सीमांत में शांत नजर आ रहा मौसम मानसून काल के समापन पर उग्र हो चुका है। सीमांत की तहसीलों में विगत तीन दिनों से रात्रि को भारी वर्षा हो रही है। डीडीहाट नगर के डाकघर वार्ड के लोहार गांव में भारी भूस्खलन से मकान मलबे में दब गया। एक महिला सहित तीन जानवरों की मौत हो गई और एक अन्य मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

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    खतरे में आए तीस से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। तेजम तहसील के नाचनी क्षेत्र के नापड़ गांव में भूस्खलन से दो भाइयों के प्रधानमंत्री आवास मलबे की चपेट में आकर तीक्ष्ण क्षतिग्रस्त हो गए। क्षतिग्रस्त मकानों में रह रहे दोनों परिवार बाल-बाल बचे हैं। दोनों परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। घटना के बाद ग्रामीणों ने सारी रात जागकर काटी है।

    डीडीहाट और तेजम तहसील क्षेत्र में सोमवार की रात्रि को दूसरे दिन भी भारी वर्षा हुई। डीडीहाट के पोस्ट आफिस वार्ड के लोहार गांव में मंगलवार सुबह सात बजे मकान के पीछे पहाड़ी में भूस्खलन होने लगा। मलबा आते देख कर 50 वर्षीय मंजू गैड़ा पत्नी स्व. जगदीश सिंह गैड़ा अपनी सास के साथ बाहर निकली। वह गोठ में बंधे अपने जानवरों की जीवन रक्षा के लिए उन्हें खोलने के लिए गई। इसी दौरान भारी मलबा गिरा और मकान मलबे से दब गया।

    घटना घटते ही आसपास के लोग पहुंचे और सूचना मिलते ही एसडीएम खुशबू पांडेय, तहसीलदार पिंकी आर्या, पुलिस मौके पर पहुंची। मलबा हटाने के लिए दो लोडर मशीनें लगाई गईं। बचाव एवं राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, एसएसबी और पुलिस जुट गई। दोपहर 12 बजे मंजू देवी का मलबे से शव बरामद हुआ। इसके अलावा एक गाय और दो बकरियों के शव तथा दो बकरियां जिंदा मिलीं।

    जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण किया। पीड़ित परिवार से मिलकर स्वजनों को ढांढस बंधाया और मदद का आश्वासन दिया। आपदा की स्थिति को देखते हुए सात परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। क्षतिग्रस्त मकान के पास स्थित भूपाल सिंह बोरा का मकान भी चपेट में आ गया।

    मलबे से उनके मकान का एक कमरा क्षतिग्रस्त हो गया। डीएम ने आपदा से आंगन बहने से खतरे में आए विद्यालय भवन का भी निरीक्षण किया। सुरक्षा दीवार के लिए तत्काल आंगनन तैयार करने के निर्देश दिए। तहसील प्रशासन को आपदा से हुए नुकसान का आकलन शीघ्र करने को कहा। इस घटना से नगर के संवेदनशील स्थलों पर दहशत बनी है। नाचनी: नापड़ गांव में सोमवार की रात्रि की वर्षा से तबाही मची। गांव निवासी दो भाइयों बलवंत सिंह और गभवान सिंह पुत्र खड़क सिंह के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-23 में बने मकानों के पीछे भारी मलबा गिरा जो छत सहित कमरों में घुस गया।

    गनीमत रही कि मलबा पहले जिन कमरों में घुसा उनमें परिवार सोये नहीं थे। अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता। मलबा गिरने की आवाज आते ही परिवारजन भारी वर्षा के बीच जान बचाने घर से बाहर को भाग गए। दोनों परिवारों के बिस्तर, बच्चों के स्कूली प्रमाण पत्र, नकदी, सिलाई मशीन, बेड, अलमारी, खाद्यान्न, कपड़े, बर्तन, गैस चूल्हा, सिलिंडर सब कुछ मलबे में दब गया है। परिवारजनों के पास केवल शरीर पर पहने कपड़े ही शेष बचे हैं।

    भारी वर्षा से गांव में बना बलिदानी गेट, नब्बे मीटर लंबा सीसी मार्ग, पेयजल लाइन, नौलीबगड़-डोलीबगड़ संपर्क मार्ग, राम सिंह के मकान के पास की सुरक्षा दीवार और एक अन्य सुरक्षा दीवार पूर्ण ध्वस्त हो चुकी है। गांव तक पहुंचने के लिए मार्ग नहीं बचा है। सूचना मिलते ही नाचनी थाने से पुलिस और तेजम तहसील से राजस्व टीम, ग्राम विकास अधिकारी, ललित पाठक, ग्राम प्रधान दीपक चुफाल, जिपं सदस्य दीपू चुफाल गांव पहुंचे। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर उनके रहने-खाने की व्यवस्था की गई है।

    उफनाए गुरुणी नाले में बलेरो बही, चालक की मौत

    कोटाबाग। कोटाबाग के उफनाए गुरुणी नाले के तेज बहाव में सोमवार की रात एक बलेरो कार बह गई। बलेरो में तीन लोग सवार थे। तीनों ही पास के गांव पतलिया में रहते हैं। बलेरो में सवार तीन लोगों में से दीपू कन्याल कुछ दूरी पर कार से छिटककर नाले से किनारे निकल गया। दूसरा व्यक्ति अनिल बिष्ट 4 किलोमीटर दूर नाले के किनारे से निकला।

    अंधेरा होने की वजह से तीसरे व्यक्ति दीपक रस्तोगी का कहीं कोई पता नहीं चला पता। मंगलवार की सुबह पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने दीपक रस्तोगी की तलाश की। 11बजे के करीब दीपक का शव नाले से करीब 12 किमी और दूर कमोला हेड ( श्मशान घाट) से तीन किमी पहले नाले से बरामद हुआ। घटना की सूचना से परिजनों में कोहराम मच गया।

    पुलिस ने शव को पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल विजय मेहता ने बताया कि बलेरो कार संख्या यूके04टीबी 2795 में तीन लोग सवार थे। जिसमें दो लोग सकुशल बच गए। एक युवक की मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।