भारत-नेपाल संबंधों की प्रतीक है पंचेश्वर परियोजना: वीके सिंह
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि पंचेश्वर बांध परियोजना भारत और नेपाल की प्रगाढ़ दोस्ती का प्रतीक है।
पिथौरागढ़, [जेएनएन]: विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि पंचेश्वर बांध परियोजना भारत और नेपाल की प्रगाढ़ दोस्ती का प्रतीक है। दोनों देशों की प्रगाढ़ मैत्री के चलते परियोजना बनेगी।
मंगलवार को अल्प प्रवास के दौरान पत्रकारों से वार्ता के दौरान नेपाल में सरकार परिवर्तन को लेकर पंचेश्वर बांध परियोजना के भविष्य के बारे में पूछा गया। इसके जबाव में विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल मित्र राष्ट्र ही नहीं अपितु दोनों देशों की संस्कृति एक समान है। दोनों देशों के बीच रोटी और बेटी का संबंध है। दोनों देशों की सामाजिक पृष्ठभूमि एक समान है।
उन्होंने कहा कि पंचेश्वर बांध परियोजना से दोनों देशों को लाभ मिलेगा। दोनों देशों की सहमति के बाद परियोजना की स्वीकृति हुई है। पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी पर कार्यवाही के संबंध में पूछे जाने पर वह बिना कुछ बोले ही चले गए। इससे पूर्व उनके नैनीसैनी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद प्रशासन की तरफ से सीडीओ वंदना ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया। बाद में पूर्व सैनिक संगठन द्वारा उन्हें पिथौरागढ़ में भर्ती कार्यालय खोलने सहित अन्य मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
पिथौरागढ़ में खुलेगा पासपोर्ट कार्यालय
विदेश राज्यमंत्री पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने कहा कि पिथौरागढ़ में पासपोर्ट कार्यालय स्वीकृत हो चुका है। शीघ्र ही जिले के प्रधान डाकघर में यह खुल जाएगा। इसका उद्घाटन करने वह स्वयं आएंगे। उन्होंने पूर्व सैनिकों को अंशदायी योजना में अन्य सुविधाएं शामिल करने का भी एलान किया।
श्री सिंह मंगलवार को सीमांत वसंतोत्सव के तहत देव सिंह मैदान में पूर्व सैनिक सम्मान एवं शहीद सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड केवल देव भूमि ही नहीं अपितु वीर भूमि है। यहां के वीरों ने सेना में रहते हुए जिस अदम्य साहस का परिचय दिया वह काबिलेतारीफ है। पूर्व सैनिक समाज को बदल सकते हैं। सैनिक अकेले और समूह में कार्य करते हैं, सामूहिक रू प से किया जाने वाला कार्य हमेशा सफल होता है।
सिंह ने कहा कि सैनिक कभी पूर्व नहीं होता है। वह हमेशा सैनिक रहता है। सेना से निवृत्त्ति के बाद केवल उसकी वर्दी नहीं रहती है। इसके बाद भी उसका जज्बा बना रहता है। पूर्व सैनिक सकारात्मक सोच बना कर समाज की सेवा में जुटे तो उत्तराखंड की तस्वीर बदल जाएगी। उत्तराखंड के पलायन को उन्होंने दुखदाई बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी वीर भूमि के लोग जब देश विदेश के होटलों व घरों में कार्य करते मिलते हैं तो उन्हें दुख होता है। ऐसी स्थिति से प्रदेश के पूर्व सैनिक उवर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सेना अन्य संगठनों से अलग है। सैनिक जाति, धर्म, समुदाय से ऊपर उठकर काम करता है। आज जहां भी आपदा आती है या किसी तरह का संकट आता है तो सेना ही उस संकट से उभारती है। इतना ही नहीं पूर्व सैनिक आपदा से बचाव के लिए क्षेत्र के युवाओं को आपदा राहत प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण दें। विद्यालयों में जाकर बच्चों को अनुशासन के बारे में बताएं। इससे देश को अच्छे नागरिक मिलेंगे। इस मौके पर उन्होंने दर्जनों वीरांगनाओं और वीर सैनिकों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा, प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत, विधायक विशन सिंह चुफाल आदि थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सैनिक कै. दीवान सिंह वल्दिया ने किया।
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