Nepal Protest: 'रोज बात कर मायके का हालचाल लेती थी, कई दिन से कोई खबर नहीं'... भारत में ब्याही एक बेटी का दर्द
नेपाल में इंटरनेट प्रतिबंध के कारण लोगों में चिंता बढ़ गई है। खासकर जो लोग भारत में बसे हैं और जिनके रिश्तेदार नेपाल में हैं वे परेशान हैं। काठमांडू में हुई हालिया घटनाओं और प्रदर्शनों के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। लोग अपने परिजनों से संपर्क करने के लिए व्याकुल हैं और नेपाल में शांति की कामना कर रहे हैं।

संवाद सूत्र, जौलजीबी/झूलाघाट। नेपाल में इंटरनेट मीडिया के 26 प्लेटफार्म पर प्रतिबंध से नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में व्यवस्थाएं गड़बड़ाने लगी है। दार्चुला जिले में आनलाइन व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। काठमांडू सहित नेपाल के अन्य शहरों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के मात, पिता चिंतित हैँ। वहीं भारत में ब्याहता नेपाल की बेटियां अपने मायके को लेकर परेशान हैं। काठमांडू की घटना के बाद तो नेपाल में स्थिति अधिक गंभीर है।
काठमांडू के प्रदर्शन में नेपाल के बजांग जिले के खप्तड़ छाना गांव पालिका के गोरखाली गांव निवासी सुवास बोहरा की मौत हो गई । सुवास इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने के बाद विदेश में नौकरी के लिए काठमांडू में रह कर जापानी भाषा सीख रहा थाद्य। सुवास का पिता विगत कुछ माहों से लापता है ओर मां भारत के बेंगलुरू में काम भी करती है और अपनी बीमारी का भी इलाज करा रही है मृतक के मित्र प्रदीप खड़का ने बताया कि सुवास की मौत की खबर उसकी मां को दे दी गई है।
सुदूर पश्चिम के क्षेत्र में चर्चा है कि काठमांडू प्रदर्शन में 28 वर्ष से कम उम्र के युवा शामिल रहे । जिसे लेकर बैतड़ी, बजांग, डडेलधुरा, दार्चला व आसपास के जिलों में जिनके बच्चे काठमांडू व अन्य शहरों में पढ़ते हैँ वे लोग परेशान हैं।
नदी के पास मायके का देश है। रोज बात हो जाती थी, मायके की कुशल क्षेम लेती थी, चार पांच दिनों से बात नहीं हो पा रही है। चिंता बनी रहती है। नेपाल से आने वाले लोगों से हालचाल ले रही हूूं। - निशा ओझा
मेरा मायका नेपाल में है। दिन में कई बार सोशल मीडिया से मायके वालों से बात हो जाती थी । अब बात नहीं हो रही है। चिंता बनी है, नेपाल में शांति होनी चाहिए। - मीना बम
मेरा मायका भारत में है। बच्चे भारत में पढ़ते हैँं। अब फोन से सम्पर्क करना मुश्किल हो रहा है। मन में भय बना रहता है। - भुवनेश्वरी देवी
भारत नेपाल में रोटी , बेटी का संबंध में है। दोनो तरफ रिश्तेदार रहते हैँ। दिन में कई बार बात होती थी अब बंद है। इसे चालू कर नेपाल में शांति बहाल होनी चाहिए । - प्रकाश चंद, भारत में नौकरी करने वाले नेपाल के नागरिक
बच्चा काठमांडू में पढ़ता है। काठमांडू में अशांति के चलते भय बना रहता है। आंदोलन में 13 से 28 वर्ष के ही युवा बताए जा रहे हैँ। जल्दी शांति बहाल होनी चाहिए । - करन बहादुर ,
भारत में रहने वाले अपने लोगों से बात नहीं हो पा रही है। ऊपर से अशांति को लेकर चिंता है। जल्दी शांति ओर इंटरनेट सेवा बहाल होनी चाहिए । - हिमांशु जोशी, बैतड़ी
भारत और नेपाल के बीच रोटी बेटी का संबंध है। ऐसे में आपस में बात ही नहीं हो पाए तो चिंता रहती है। काठमांडू की घटना दुखद है। शांति बहाल होनी चाहिए । निकट में होकर भी दूरी बनी है। - जानकी ओझा
भारत के बेंगलुरु में कार्य करता हूं, नेपाल में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध से अपने स्वजनों से बात करना मुश्किल हो चुका है। सेवा बहाल होनी चाहिए । - रमेश चंद
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।