पिथौरागढ़ में रैली से दिया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश
पिथौरागढ़ में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर रविवार को जिले में जागरू कता रैली निकाली गई। ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर रविवार को जिले में जागरू कता रैली निकाली गई। इस दौरान गोष्ठियों के माध्यम से घटते लिंगानुपात को कम करने के लिए समन्वित प्रयासों की जरू रत बताई गई।
जिला मुख्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में रैली निकाली गई। कलक्ट्रेट में सुबह जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में घनश्याम ओली फाउंडेशन ने नुक्कड़ नाटक से बेटियों का महत्व बताया। जिला प्रशासन की ओर से रंगकर्मी जनार्दन उप्रेती द्वारा रचित व कैलाश कुमार की आवाज में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से संबंधित प्रेरणादायक गीत का विमोचन किया गया। बाल विकास विभाग ने राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत बनाए गए कलैंडर का भी विमोचन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने शिक्षा व खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं व शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में कार्य करने वाले 12 स्कूलों को बेटी बचाओ योजना के तहत दस हजार प्रति स्कूल की धनराशि दी। साथ ही जिलाधिकारी ने कोविड-19 कंट्रोल रू म में कार्य करने वाले रेड क्रास सोसाइटी के 11 सदस्यों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय गौरव, मुख्य शिक्षाधिकारी अशोक कुमार जुकरिया मौजूद रहे।
घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी ने आठगांव शिलिंग क्षेत्र में जागरू कता कार्यक्रम किए। इस मौके पर बालिकाओं व महिलाओं को गुड टच, बेड टच के बारे में बताया गया। सैनिटरी पैड भी बांटे। इसके बाद नेहरू युवा केंद्र के साथ मिलकर लंदन फोर्ट में गाना व भाषण प्रतियोगिता कराई गई। प्रथम तीन स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक कविता भगत ने सम्मानित किया।
एसडीएस राइंका के प्रधानाचार्य मोहन चंद्र पाठक के नेतृत्व में खड़कोट वार्ड में बेटी बचाओ-घर संसार सुखी बनाओ अभियान चलाया गया।
नगर के नेड़ा में बेटी को जन्म दो अभियान चलाया गया। अभियान के संचालक डॉ. तारा सिंह ने कहा कि कुमाऊं के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल व उधम सिंह नगर में 2011 की जनगणना के सापेक्ष बालिकाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, मगर चंपावत व बागेश्वर में एकाएक बालिका संख्या में गिरावट आई है। लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी।

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