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    37 वर्षो से बदहाली के आंसू रो रहा लोहाघाट डिपो

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 28 Jul 2018 04:34 PM (IST)

    गौरी शंकर पंत, लोहाघाट उत्तराखंड परिवहन निगम की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। व

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    37 वर्षो से बदहाली के आंसू रो रहा लोहाघाट डिपो

    गौरी शंकर पंत, लोहाघाट

    उत्तराखंड परिवहन निगम की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। वह चाहे निगम के कार्यालय हों या निगम की बसें। निगम प्रबंधन न तो बसों की सही से मरम्मत करा पा रहा है, न ही कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यालय बनवा पा रहा है। कुछ यही हाल टनकपुर रीजन के लोहाघाट डिपो का है। जो 1983 से अस्तित्व में आने के बाद भी आज भी बदहाली के आंसू रो रहा है। डिपो के पास न तो अपना स्थायी भवन है, न ही वर्कशॉप। आधा कार्यालय किराए के भवन में तो आधा भवन टीन के छपरों में चल रहा है। जबकि निगम प्रबंधन इसी डिपो से प्रतिदिन लाखों की आमदनी कर रहा है।

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    पर्वतीय क्षेत्र में बस सेवा को सुचारू करने के लिए निगम प्रबंधन ने टनकपुर रीजन के तहत 1981 में जिले के पर्वतीय क्षेत्र में पहला बस स्टेशन लोहाघाट में बनाया गया। तब से किराए व टीन शेड में शुरू हुआ डिपो आज भी एक टिन शेड में चल रहा है। टिनशेड के नीचे गर्मियों अधिक गर्मी व सर्दियों में कर्मचारी ठंड से परेशान रहते है। रात्रि में ड्यूटी में रहने वाले कर्मचारियों के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं रोडवेज के सहायक प्रबंधक कार्यालय भी लगभग 1994 से किराए के कमरे में चल रहा है। जिसका परिवहन विभाग को हर माह चार हजार रुपए देना पड़ता है। जितने रुपए परिवहन विभाग किराए देने में खर्च कर चुका है शायद इतने में तो नया भवन भी बनकर तैयार हो जाता। लेकिन परिवहन विभाग को टिनशेड में चल रहे उस रोडवेज कार्यालय की सुध नहीं है। जहां महत्वपूर्ण कागजात एवं रखे गए है। यहीं नहीं इस डिपो से निगम प्रबंधन प्रतिदिन लाखों रुपये की इनकम कर रहा है मगर निगम प्रबंधन इस सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

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    सड़क की ओर से टिन लगाकर बना बस अड्डा

    लोहाघाट: बीते एक पखवाडे पूर्व कर्मचारियों ने बस स्टेशन में खडे़ होने वाले निजी वाहनों की रोक थाम के सड़क की ओर से टीन लगा कर अपना बस अड्डा बनाया है। यहां पर आए दिनों परिवहन निगम व निजी वाहन स्वामियों के बीच लड़ाई झगडे़ से निजात मिल गई है। विधायक निधि से बना यात्री विश्राम गृह बना सहारा

    लोहाघाट: परिवहन निगम द्वारा बनाए गए टीन शेड में विभागीय आवश्यकीय दस्तावेज के अलावा कैश भी रहा है। पूरा कार्यालय टीन शेड का बना हुआ है। यहां तक की बसों में सफर करने वालों के लिए विधायक पूरन सिंह फत्र्याल द्वारा विधायक निधि से यात्री विश्राम गृह का तीन साल पूर्व निर्माण कराया। वह आज यात्रियों के लिए बारिश व धूप में सिर छिपाने के लिए वरदान साबित हो रहा है।

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    परिवहन विभाग के दावों की निकली हवा

    लोहाघाट: परिवहन निगम द्वारा लगातार बड़े बड़े दावे यात्रियों की सुविधाओं के लिए जरूर किए जाते है। लेकिन यह नहीं पता कि यात्रियों की सुविधा के लिए तो दूर अपने कार्यालय के लिए एक ईंट तक नही रखी गई है। यह तो परिवहन विभाग की काम चलाऊ व्यवस्था से कम नहीं है।