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    5 साल बाद फ‍िर शुरू हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा, इस दिन उत्‍तराखंड पहुंचेगा पहला दल

    पांच साल बाद शुरू हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा में पहला दल 5 जुलाई को पिथौरागढ़ पहुंचेगा। यात्री चार दिन जिले में ही विश्राम करेंगे। टनकपुर से लिपुलेख तक यात्रा की निगरानी भारत तिब्बत सीमा पुलिस करेगी। यात्रा मार्ग में यात्रियों के स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। मार्ग में यातायात की चुनौतियों को देखते हुए प्रशासन सतर्क है।

    By omprakash awasthi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 28 Jun 2025 04:10 PM (IST)
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    पांच जुलाई को पिथौरागढ़ पहुंचेगा पहला कैलास मानसरोवर यात्रा दल। जागरण आर्काइव

    जासं, पिथौरागढ़। पांच साल बाद आरंभ हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा का पहला दल 5 जुलाई को पिथौरागढ़ जिले मेें पहुंचेगा। यात्रा में जाते समय चार दिन यात्रा दल पिथौरागढ़ जिले में ही प्रवास करेगा। टनकपुर से लेकर लिपुलेख तक यात्रा भारत तिब्बत सीमा पुलिस की निगरानी में होगी।

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    यात्रा शैड्यूल

    • यात्रा शैड्यूल के अनुसार यात्रा 5 जुलाई को आधार शिविर धारचूला में यात्री विश्राम करेंगे।
    • 6 जुलाई को दल गुंजी पहुंचेगा। जहां पर यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए दो दिन का विश्राम होगा। इस दौरान यात्री आदि कैलास के भी दर्शन करेंगे।
    • 8 जुलाई को दल अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग में विश्राम करेगा ।
    • 9 जुलाई की सुबह दल लिपू दर्रा पार कर तिब्बत में प्रवेश करेगा।
    • 8 दिन तिब्बत में कैलास पर्वत, मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर 18 जुलाई को लिपू दर्रा पार कर बूंदी पड़ाव पहुंचेगा।
    • 19 जुलाई को दल बूंदी से वाया डीडीहाट होते हुए रात्रि विश्राम चौकोड़ी में करेगा।

    दल में 50 यात्री

    यात्रा दल 6 दिन पिथौरागढ़ जिले में ही प्रवास करेगा। दल में 50 यात्री होंगे। जिसके लिए 13 वाहनों की व्यवस्था है और दो वाहन रिजर्व में रखे जाएंगे। यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गुंंजी में एक फिजिशियन तैनात रहेगा। गुंजी में बेस अस्पताल वाली चिकित्सा सुविधा उपलब्ध रहेगी। केएमवीएन द्वारा यात्रा के पड़ावों में तैयारी पूरी है। आदि कैलास यात्रा मार्ग और मानसरोवर यात्रा मार्ग के पड़ाव एक ही होने से निगम की सभी तैयारियां पूरी हैं। निगम कर्मी पड़ावों में तैनात हैं।

    यात्रा का समय और मार्ग की चुनौती

    पिथौरागढ़: यात्रा का समय मार्ग की चुनौती को बढ़ाने वाला है। यात्रा टनकपुर से टनकपुर -तवाघाट हाईवे से होगी। तवाघाट से आगे लिपुलेख मार्ग पर होगी। टनकपुर -तवाघाट हाईवे में बुलवाकोट के पास बिनिया गांव से लेकर तवाघाट तक 38 किमी मार्ग के चौड़़ीकरण का कार्य चल रहा है। जिसके चलते यातायात प्रभावित होता रहता है।

    विशेषकर धारचूला से तवाघाट , तवाघाट से नजंग के बीच सबसे बड़ी चुनौती है। कूलागाड़, ऐलागाड़ , चेतलकोट, मलघाट में आए दिन हल्की वर्षा होने पर चट्टान खिसकने का क्रम जारी है। घंटों यहां तक कि दो, तीन दिनों तक भी मार्ग यातयात के लिए बंद हो रहा है।

    मार्ग को लेकर जिला प्रशासन ने बीआरओ को संवेदनशील स्थलों पर मार्ग दुरु स्त रखने और मार्ग की स्थिति से दिन में दो बार 8 बजे और दोपहर 12 बजे दो बार सड़कों के अपडेट देने को कहा है। मानसून काल को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। वर्तमान में केवल लगभग 50 किमी क्षेत्र में सड़क ही यात्रा के लिए चुनौती है।