अन्नदाता संग अन्याय: मुआवजे की बारी आई तो गायब किए किसानों के नाम, सूची में बाहर के लोग शामिल
डीडीहाट के सौगांव में जंगली सुअरों द्वारा नष्ट की गई फसलों के मुआवजे में गड़बड़ी सामने आई है। वास्तविक किसानों के नाम सूची से गायब हैं और उनकी जगह बाहरी लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं। किसानों ने उपजिलाधिकारी से मिलकर सूची की जांच कराने और वास्तविक हकदारों को मुआवजा देने की मांग की है। इस घटना से किसानों में गहरा आक्रोश है।

किसानों ने उपजिलाधिकारी के सामने मामला रखते हुए सूची की जांच कराये जाने की मांग की है। प्रतीकात्मक
संवाद सूत्र, जागरण, डीडीहाट। तहसील क्षेत्र के सौगांव में जंगली सुअरों द्वारा उजाड़ी गई धान और अदरक की फसल के मुआवजे का वक्त आते ही वास्तविक किसानों के नाम गायब हो गये हैं। इससे किसानों में गहरा आक्रोश है। किसानों ने उपजिलाधिकारी के सामने मामला रखते हुए सूची की जांच कराये जाने की मांग की है।
ग्राम प्रधान किरन बोरा ने कहा कि सौगांव क्षेत्र में पिछले दिनों जंगली सुअरों ने धान और अदरक की खेती पूरी तह उजाड़ दी थी, इससे सैकड़ों किसान प्रभावित हुए थे। राजस्व विभाग ने प्रभावित किसानों की सूची तैयार की थी। जिसमें सौगांव के किसानों के नाम शामिल थे। अब जब मुआवजा वितरित होना है तो गांव के ग्रामीणों के नाम सूची से गायब हैं। सूची में ऐसे लोगों के नाम जोड़ दिये गये हैं जो गांव में रहते ही नहीं हैं।उन्हाेंने कहा कि दर्ज होने के बाद नाम गायब होना गंभीर मामला है, उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जरूरी है।
क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने यह मामला उपजिलाधिकारी खुशूब पांडे के सामने रखा और मांग की कि वास्वतिक किसानों को ही मुआवजा दिया जाये। उपजिलाधिकारी से मिलने वालों में नवीन बोरा, क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेंद्र सिंह बोरा, हर सिंह खोलिया, भूपेंद्र सिंह खोलिया, महेंद्र सिंह रावत, बिमला देवी, अनुली देवी, लता देवी, दान सिंह खोलिया, महिपाल सिंह खोलिया, त्रिलोक सिंह खोलिया, प्रकाश सिंह खोलिया आदि शामिल थे।

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