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    जिले के सबसे बड़े गांव में सबसे अधिक वीरानी

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 01 Jul 2019 06:46 AM (IST)

    जागरण संवाददाता पिथौरागढ़ देश की पहचान गांव से है। आज भी सत्त्तर फीसद आबादी गांवों में रहत

    जिले के सबसे बड़े गांव में सबसे अधिक वीरानी

    जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: देश की पहचान गांव से है। आज भी सत्त्तर फीसद आबादी गांवों में रहती है। पहाड़ों में आजादी के बाद यदि सबसे तेजी से कोई कार्य हुआ है तो वह है गांवों से पलायन। कारण एक नहीं अनेक हैं, परंतु गांवों को बसाने की मुहिम इतनी कमजोर है कि जिसमें इच्छाबल कहीं नजर नहीं आता है। गांव छोड़ कर जाने वाले अपने को एलीट मान रहे हैं तो गांव में रहने वाले हीनग्रंथि के शिकार बने हैं। सबकी चाह गांव छोड़ कर जाने की है। यही कारण है कि आज जिले का सबसे बड़े गांव में सबसे अधिक वीरानी छाई है।

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    पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील की चीन सीमा से लगा मिलम ग्लेशियर के निकट स्थित मिलम गांव अतीत में जिले का सबसे बड़ा गांव था। बताया जाता है कि तब इस गांव में पांच सौ के आसपास परिवार रहते थे। गांव की संरचना ऐसी थी कि नई नवेली वधू को गांव के रास्ते, पनघट, गोचर, खेत के बारे में सीखने में एक पखवाड़े का समय लग जाता था। परिवार के ही लोग उसे गांव की गलियां, पनघट, गोचर जाने के रास्ते बताते थे। जोहार घाटी के इस गांव की धूम दूर -दूर तक रहती थी। यह गांव आजादी के बाद इस कदर सिमटा कि आज खंडहर हो चुके मकान इसकी विपुल विरासत के गवाह तो हैं, परंतु गांव की वीरानी पलायन का दर्द बखान कर देती है।

    इस गांव में अब साल में माइग्रेशन के दौरान बामुश्किल दस से पंद्रह परिवार जाते हैं। देश की अवैतनिक रक्षा पंक्ति माने जाने वाले सीमा से लगे सभी गांवों की यही दशा है। सभी ने रोजगार से लेकर चिकित्सा, शिक्षा के लिए गांव त्यागा। जिले के आठों विकास खंडों में कमोवेश यही स्थिति है। जिले के सात गांव जनशून्य हो चुके हैं। सौ से अधिक गावों में परिवारों की संख्या दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू रही है। सत्त्तर फीसद से अधिक गांवों में पचास फीसद से अधिक परिवार गांवों से पलायन कर चुके हैं। पलायन की दर यही रही तो आने वाले एक दशक में जिले के चालीस फीसद गांवों के जनशून्य होने के स्पष्ट आसार नजर आ रहे हैं। सरकारी योजनाएं केवल दिखावा भर रह चुकी हैं। जिनका फायदा पंचायत प्रतिनिधियों का लबादा ओढ़े पंचायत जनप्रतिनिधि उठा रहे हैं। ===========

    पहाड़ से पलायन के प्रमुख कारण --

    चिकित्सा

    रोजगार

    शिक्षा

    सड़क

    जंगली जानवरों का आतंक ======== चिकित्सा को लेकर हो रहा है सबसे अधिक पलायन आंकड़ों के अनुसार पलायन का सबसे बड़ा कारण चिकित्सा रहा है। आंकड़ों के अनुसार चिकित्सा को लेकर 22 फीसद, शिक्षा को लेकर 12 फीसद, रोजगार को लेकर 10 फीसद लोग पलायन कर रहे हैं। जिले में धारचूला और मुनस्यारी के चीन सीमा से लगे 35 गांवों से पलायन की दर सबसे अधिक है। जिले से प्रतिमाह साढ़े तीन परिवारों की दर से गांवों से नगरों, कस्बों, तराई भावर और मैदानी क्षेत्रों को पलायन हो रहा है।