देवउठनी एकादशी पर 2100 दीयों की रोशनी में जगमगाया उत्तराखंड का रामेश्वर धाम, संगम तट हुआ जगमग
पिथौरागढ़ के रामेश्वर धाम में देवउठनी एकादशी पर भव्य आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने संगम तट से मंदिर तक 2100 दीये जलाए और भजन-कीर्तन किया। सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र भट्ट ने मंदिर को मानस खंड माला मंदिर योजना में शामिल करने की मांग की ताकि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।

श्रद्धालुओं ने संगम तट से मंदिर परिसर तक 2100 दीये जलाए। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण, पिथौरागढ़। देवउठनी पर्व पर रामेश्वर धाम में भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने संगम तट से मंदिर परिसर तक 2100 दीये जलाए। देर रात तक मंदिर में भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। सुबह संगम पर स्नान के बाद श्रद्धालु घरों को लौटे।
जिला मुख्यालय से 32 किमी दूर सरयू और रामगंगा के तट पर स्थित रामेश्वर धाम से दोपहर से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। सांझ ढलने पर सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र भट्ट की अगुआई में सरयू और रामगंगा के संगम स्थल से मंदिर परिसर तक भक्तों ने दीये जलाए। दीयों की रोशनी में मंदिर का अनुपम दृश्य देखने लायक था। मंदिर परिसर में भगवान भोले नाथ की आरती के बाद संगम पर गंगा आरती संपन्न हुई।
आरती के बाद मंदिर में भजन कीर्तन किए गए। सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र भट्ट ने कहा कि रामेश्वर धाम का उल्लेख पुराणों में भी वर्णित है। मान्यता है कि भगवान राम ने यहां शिव मंदिर स्थापित किया। उन्होंने मांग उठाई कि इस मंदिर को मानस खंड माला मंदिर योजना में शामिल कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाया जाए।

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