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नहीं रही उत्तराखंड की पहली महिला लोक गायिका कबूतरी

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: उत्तराखंड की पहली लोक गायिका कबूतरी देवी का 73 वर्ष की उम्र मे

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 11:26 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 11:26 PM (IST)
नहीं रही उत्तराखंड की पहली महिला लोक गायिका कबूतरी
नहीं रही उत्तराखंड की पहली महिला लोक गायिका कबूतरी

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: उत्तराखंड की पहली लोक गायिका कबूतरी देवी का 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने जिला अस्पताल पिथौरागढ़ में अंतिम सांस ली। उनके निधन का समाचार फैलते ही शोक छा गया है। उनके निधन पर मुख्यमंत्री सहित वित्त मंत्री ने शोक जताया है।

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लोक गायिका कबूतरी देवी 73 वर्ष निवासी क्वीतड़ गांव पिथौरागढ़ विगत दो दिनों से सांस लेने में दिक्कत होने से जिला अस्पताल में भर्ती थी। जहां पर चिकित्सकों ने उनका उपचार करते हुए हायर सेंटर रेफर करने की संस्तुति दी। शुक्रवार दो बजे चिकित्सकों ने उन्हें हायर सेंटर हल्द्वानी और देहरादून के लिए रेफर कर दिया था। प्रशासन द्वारा इसके लिए हेलीकॉप्टर की मांग की कई। सरकार से हेलीकॉप्टर की स्वीकृति भी मिल गई परंतु शुक्रवार को हेलीकॉप्टर नहीं आया। परिजन हेलीकॉप्टर की प्रतीक्षा करते रहे परंतु हेलीकॉप्टर नहीं आया।

शनिवार सुबह शासन से हेलीकॉप्टर के पिथौरागढ़ आने की सूचना मिली। इस सूचना पर परिजन बीमार कबूतरी देवी को जिला अस्पताल से चार किमी दूर नैनी सैनी हवाई पट्टी ले गए। हवाई पट्टी में चार घंटे प्रतीक्षा की गई। इस बीच सूचना मिली कि हेलीकॉप्टर आ रहा है। जिसे लेकर परिजन और संस्कृति प्रेमी प्रतीक्षा करते रहे। करीब ढाई घंटे बाद कबूतरी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसे देखते हुए उन्हें दस बजे के आसपास वापस जिला अस्पताल लाया गया। जिला अस्पताल में आइसीयू में भर्ती किया गया। जहां चिकित्सकों ने उनका परीक्षण करते हुए उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस मौके पर उनकी पुत्री हेमंती देवी उनके साथ थीं। ========= उड्डयन विभाग और शासन को जिम्मेदार ठहराया, किया प्रदर्शन लोक गायिका के मृत घोषित करते ही जनता में रोष फैल गया। संस्कृति कर्मियों सहित विभिन्न संगठनों ने जिला अस्पताल के सम्मुख ही प्रदर्शन किया। संस्कृति कर्मी राजेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रशासन द्वारा प्रयास किया गया था और सरकार ने हेलीकॉप्टर की स्वीकृति भी प्रदान कर दी थी। उन्होंने हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचने के लिए लिए उड्डयन विभाग और शासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि शुक्रवार को हेलीकॉप्टर मिल जाता है कबूतरी देवी हायर सेंटर पहुंच जाती और वह बचाई जा सकती थीं। बताया जा रहा है कि बीते रोज पायलट ने आने से मना कर दिया था। शनिवार को भी हेलीकॉप्टर भी नहीं पहुंचा। प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर आने की बात की जा रही है। ========== निधन पर जताया शोक कबूतरी देवी के निधन पर विभिन्न संगठनों ने शोक जताया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने भी कबूतरी देवी के निधन पर शोक जताया है। उनके निधन का समाचार मिलते ही एसडीएम एसके पांडेय, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक अस्पताल पहुंचे। लोक गायिका का अंतिम संस्कार रामेश्वर घाट में सरयू और रामगंगा नदी के संगम पर किया गया। अंतिम यात्रा में भारी संख्या में संस्कृति प्रेमी, रंगकर्मी, गणमान्य लोग शामिल थे।


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