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    सावधान! 4G नेटवर्क से भारत में चीन की सेंधमारी, नेपाल में अपग्रेड कर रहा मोबाइल टावर

    China Vigil on India नेपाल में नेपाल की नमस्ते कंपनी के मोबाइल टॉवरों को 4जी करने का कार्य लंबे समय से ही चल रहा है। टनकपुर से छांगरु तक लगभग 25 के आसपास नमस्ते के टॉवर लगे हैं। ये सभी टावर पहले थ्री जी थे। और तो और टेंडर नाम पर यह कार्य चीन की कंपनी को दिया गया है।

    By omprakash awasthi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 18 Aug 2024 12:49 PM (IST)
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    China Vigil on India: पुराने थ्री जी टावरों को चीन की कंपनी कर अपग्रेड। फोटो प्रतीकात्‍मक

    जासं, पिथौरागढ़/ झूलाघाट। China Vigil on India: उत्‍तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिले से लगे नेपाल में नेपाल की नमस्ते कंपनी के मोबाइल टॉवरों को 4जी करने का कार्य विगत समय से ही चल रहा है। नए टावर 4जी हो चुके हैं। पुराने थ्री जी टावरों को चीन की कंपनी द्वारा 4जी में अपग्रेड किया जा रहा है।

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    चीन की इस कारस्तानी को लेकर भारत में किसी तरह की कोई कार्यवाही नजर नहीं आती है। उत्‍तराखंड मेंं चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों सीमा से लगे नेपाल में टनकपुर से छांगरु तक लगभग 25 के आसपास नमस्ते के टॉवर लगे हैं। ये सभी टावर पहले थ्री जी थे।

    बीते माहोंं में नेपाल ने मोबाइल टॉवरों को 4जी बनाने के लिए कथित तौर पर ग्लोबल टेंडर लगाए थे। टेंडर नाम पर यह कार्य चीन की कंपनी को दिया गया।

    नेपाल के मोबाइल टावरों को 4जी कर रही चीन की कंपनी

    चीन की कंपनी भारत की सीमा से लगे नेपाल के नमस्ते के मोबाइल टावरों को 4जी कर रही है। इस क्रम में नेपाल के बैतड़ी और दार्चुला जिले में लगभग तीन से चार नए टावर 4जी लग चुके हैं। अन्य थ्री जी टावरों को 4जी किया जा रहा है।

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    नेपाल के नमस्ते थ्री जी टावरों की क्षमता पूर्व में भी इतनी अधिक है कि उसके सिग्नल भारत की सीमा में 38 से 40 किमी दूर तक पकड़ते हैं। पिथौरागढ़ नगर के कासनी तक नेपाल के सिग्नल मिलते हैं। अब नेपाल के टावरों को चीन 4जी कर रहा है। टॉवरों में कौन सी डिवाइस लगाई जा रही है उसके तंरग कहां तक पहुंचेंगे यह स्पष्ट नहीं है, परंतु सीमा पर नेपाल के माध्यम से चीन यह शरारत कर सकता है यह सभी के जेहन में रहता है।

    दूसरी तरफ यदि भारत में देखा जाए तो अभी भी नेपाल सीमा से लगा कुछ क्षेत्र नेटवर्क से वंचित है। भारत सरकार द्वारा नेपाल सीमा पर जो भी मोबाइल टॉवर लगाए गए हैं, उनकी क्षमता काफी कम रखी गई है। विशेषकर निजी संचार कंपनियों की नेपाल सीमा पर क्षमता काफी न्यून रखी है। बावजूद इसके इन टॉवरों के सिग्नल भारत के बराबर ही नेपाल में ही आते हैं।

    वहीं सीमा से दूर सामने ऊंचे स्थानों पर लगाए गए भारत के मोबाइल टॉवरों के सिग्नल नेपाल में दूर -दूर तक आते हैं और बड़े स्पष्ट रहते हैं। चीन द्वारा नेपाल के नमस्ते के टॉवरों को 4जी बनाया जा रहा है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से यह खतरनाक हो सकता है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चुनौती है।

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