सवा लाख भेड़-बकरियों की टैगिंग कराएगा पशुपालन विभाग
पशुपालन विभाग पिथौरागढ़ जिले में सवा लाख भेड़-बकरियों की टैगिंग करेगा।

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पशुपालन विभाग जिले में सवा लाख भेड़-बकरियों की टैगिंग करेगा। टैगिंग मानवों के लिए बनाए जाने वाले आधार कार्ड की तरह ही होगी। इसमें संबंधित जानवर को पूरा डाटा रहेगा। भेड़-बकरियों के टीकाकरण के साथ ही आपदा के दौरान सामने आने वाले मुआवजे के विवाद आसानी से हल हो सकेंगे।
सीमांत जिले धारचूला और मुनस्यारी में वर्तमान में करीब सवा लाख भेड़-बकरियां हैं। हजारों परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं। भेड़ बकरियों का पूरा डाटा रखने के लिए अब पशुपालन विभाग ने इनकी टैगिंग करने की योजना बनाई है। टैग कान पर लगाया जाएगा। टैग लगाने से पहले संबंधित भेड़ बकरी का पूरा टीकाकरण होगा। इससे भविष्य में यह जानकारी मिल सकेगी कि संबंधित पशु का टीकाकरण हो चुका है, अलग टीका उसे कब लगना है।
आपदा के दौरान सीमांत में कई भेड़ बकरियां इसकी चपेट में आ जाती है। कोई रिकार्ड नहीं होने से पशुपालकों को कई बार मुआवजा लेने में खासी दिक्कत आती है। टैगिंग हो जाने के बाद संबंधित भेड़ बकरी का रिकार्ड सर्वर पर उपलब्ध हो जाएगा। इससे मुआवजा वितरण में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। टैगिंग शुरू करने के लिए पशुपालन विभाग ने प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। =========== दवा स्नान के बाद हिमालय में प्रवेश करेंगी सीमांत की भेड़-बकरियां सीमांत क्षेत्र की भेड़ बकरियां माइग्रेशन के बाद हिमालय में प्रवेश से पहले दवा स्नान करेंगी। इसके लिए मुनस्यारी के धापा में डीपिंग टैंक बनाया जा रहा है। गर्मियों में बुग्यालों में चरने के लिए जाने वाली प्रत्येक भेड़ और बकरी को इस डीपिंग टैंक से गुजारा जाएगा। टैंक में जीवाणु रोधी दवा रहेगी। टैंक से गुजरने के बाद भेड़ बकरियां पूरी तरह जीवाणु मुक्त रहेंगी। माइग्रेशन पूरा करने के बाद घाटियों की ओर लौटने पर भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। ========== टैंिगंग और डीपिंग टैंक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। टैगिंग से भेड़-बकरियों का डाटा तैयार हो जाएगी। इससे कई तरह की मदद मिलेगी।
- डा. पंकज जोशी, उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पिथौरागढ़
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