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    एक और जंगल न्याय की देवी को समर्पित

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    Updated: Sat, 28 Dec 2013 11:28 PM (IST)

    जाका, गंगोलीहाट (पिथौरागढ़) : वनों को बचाने के लिए सरकारी कानूनों के कारगर साबित नहीं होने से एक और जंगल को बचाने के लिए आस्था का सहारा लिया गया है। तहसील के उप्राड़ा का जंगल 10 वर्षाें के लिए न्याय की देवी कोटगाड़ी को चढ़ा दिया गया है।

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    तहसील मुख्यालय के निकटवर्ती उप्राड़ा का जंगल बांज और चीड़ के वृक्षों से आच्छादित है। इस जंगल में अवैध कटान जोरों पर है। ग्रामीणों ने कई बार अवैध कटान रोकने के लिए प्रयास किए परंतु ग्रामीण सफल नहीं हो सके। इसकी शिकायत प्रशासन और वन विभाग से किए जाने के बाद भी जंगल को बचाने की कोई सार्थक पहल नहीं हुई। ग्रामीणों के सामने की बांज और चीड़ के वृक्ष काटे जाते रहे। इससे खिन्न ग्रामीणों ने जंगल को बचाने के लिए आस्था का सहारा लेने का निर्णय लिया।

    वन सरपंच की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जंगल को न्याय की देवी कोटगाड़ी को चढ़ाने का निर्णय लिया गया। बैठक में लिए गए निर्णय के तहत जंगल दस वर्षो के लिए देवी को चढ़ाया गया है। 10 वर्षो के भीतर जंगल में किसी तरह का पातन, कटान नहीं होगा। जो कोई भी इसका उल्लंघन करेगा उसे देवी दंड देगी। इस आशय के बोर्ड बना कर जंगल के चारों तरफ लगाए जायेंगे। निर्णय के बाद कागज तैयार कर गांव के सरपंच संजय पंत, पंच नित्यानंद पंत, गंगा सिंह, मोहन चंद्र पंत, हरी राम, मनोज पंत, कुंदन सिंह, राम सिंह, गणेश सिंह , भगवती पंत, जीवंती देवी , रमेश राम ने पांखू कोटगाड़ी मंदिर जाकर बांड पेपर देवी को चढ़ा दिया है। मालूम हो कि जिले के दो दर्जन से अधिक जंगल पिछले कई वर्षो से देवी को अर्पित किए गए हैं। जो जंगल देवी को अर्पित किए गए उनमें अवैध गतिविधियां ठप हो चुकी हैं।

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