हरियाली बरकरार रखने को जंगल देवी को समर्पित
- हाटथर्प के नवनियुक्त वन सरपंच की पहल
जाका, डीडीहाट : तहसील मुख्यालय से सटे हाटथर्प के चौड़ी पत्ती वाले वृक्षों से आच्छादित जंगल की हरियाली को बरकरार रखने के लिए देवी को समर्पित कर दिया गया है। यह निर्णय नव नियुक्त वन सरपंच की पहल पर लिया गया।
हाटथर्प वन पंचायत के सरपंच का शुक्रवार को चुनाव हुआ। जिसमें सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से नंदन सिंह कफलिया को वन सरपंच चुना गया। वन सरपंच बनते ही नंदन सिंह द्वारा सबसे पहला प्रस्ताव हरियाली को बचाए रखने के लिए जंगल देवी को समर्पित करने का लिया गया। बैठक में मौजूद ग्रामीणों की सहमति से हाटथर्प का चरमा नदी से सटे जंगल को न्याय की देवी को समर्पित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। प्रस्ताव के तहत देवी को समर्पित जंगल से कोई भी ग्रामीण वन सम्पदा का दोहन नहीं कर सकेगा। देवी को चढ़ाए गए जंगल में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के हथियार लेकर प्रवेश नहीं कर सकेगा।
विदित हो कि पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में अवैध कटान आदि से बचने के लिए जंगलों को देवी-देवताओं के नाम पर चढ़ाने की परंपरा रही है। ग्रामीणों द्वारा देवी-देवताओं को समर्पित किए गए जंगलों से अवैध कटान वर्जित रहता है। सरकारी कानूनों के स्थान पर आस्था के कारगर साबित होने से जंगलों को जीवनदान मिल रहा है। जिले के दर्जनों जंगल देवी-देवताओं को समर्पित किए जा चुके हैं। इस कड़ी में अब हाटथर्प का जंगल भी शामिल हो चुका है।
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