गढ़वाल के मयखानों में लग गई शौकीनों की कतार, नियम हुए तार-तार
क्षेत्र में लॉकडाउन प्रथम व द्वितीय के दौरान राशन के लिए जरूरतमंदों की इतनी लंबी लाइनें नजर नहीं आई जितनी शराब की दुकानों पर दिखी। इस दौरान व्यवस्था तार-तार रही।
कोटद्वार, जेएनएन। क्षेत्र में लॉकडाउन प्रथम व द्वितीय के दौरान राशन के लिए जरूरतमंदों की इतनी लंबी लाइनें नजर नहीं आई, जितनी शराब की दुकानों पर दिखी। शासन ने शराब की दुकान खोलने के लिए सुबह सात बजे का समय तय किया हुआ था, लेकिन मय के शौकीनों ने सुबह आंख खुलते ही मयखानों के बाहर लाइन लगानी शुरू कर दी। शुरूआती दौर में भले ही शौकीनों ने शारीरिक दूरी का अनुपालन किया हो, लेकिन समय बढ़ने के साथ ही नियम भी टूटते चले गए और शराब की एक-एक बोतल के लिए लोगों में होड़ मची नजर आई।
पौड़ी जिले में शराब की दुकानें खुल गई। कोटद्वार में शराब की चार दुकानों में एक सोमवार को मात्र जशोधरपुर वाली दुकान ही खुली। भाबर क्षेत्र के शौकीन सुबह ही इस दुकान में पहुंच गए थे, जबकि कोटद्वार व आसपास के क्षेत्र वाले अपने आसपास की दुकानों के खुलने का इंतजार कर रहे थे।
जब उन्हें पता चला कि आज दुकान नहीं खुलेगी तो उन्होंने भी जशोधरपुर की दौड़ लगा दी। नतीजा, दोपहर तक जशोधारपुर में हजार-डेढ़ हजार लोग शराब खरीदने के लिए लाइन पर लग गए। दुकान संचालक को नया कोटा आवंटित नहीं हुआ था, इस कारण संचालक ने सोमवार को लॉकडाउन के पूर्व ठेके में सीमित तादाद में मौजूद शराब को बेचा।
नतीजा, दोपहर तक शराब का स्टाक खत्म हो गया व कई शौकीनों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार से नगर क्षेत्र के साथ ही मोटरनगर व खूनीबड़ के शराब ठेके भी शुरू हो जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में भी कई जगह दुकानों में शराब का स्टाक खत्म होने के कारण शौकीनों को बैरंग वापस लौटना पड़ा।
राशन के नहीं पैसे, खड़े शराब की लाइन में
लॉकडाउन के दौरान कल तक जो चेहरे राशन के लिए पैसे न होने के कारण प्रशासन को कोसते नजर आ रहे थे, सोमवार को उनमें से कई चेहरे शराब की लाइन में खड़े नजर आए। हैरानी की बात तो यह थी कि शराब की दुकान से कई लोग एक साथ तीन-चार बोतलें एक साथ ले जाते भी दिखे। कई ऐसे भी थे जो किसी भी तरह ठेके से शराब की पूरी पेटी उठाने की जुगत में लगे हुए थे।
शौकीन डटे रहे दुकानों के बाहर, उड़ी नियमों की धज्जियां
टिहरी जिले में शराब की 21 दुकानों में से छह दुकानें ही खुल पाई। बाकि दुकानों को दुकान संचालकों ने नहीं खोला। मुनि की रेती क्षेत्र में खारा स्रोत शराब की दुकान में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई और भारी भीड़ वहां उमड़ी।
जिले में शराब की 21 दुकानों के लिए मार्च महीने में लॉटरी की गई थी। सोमवार को इन दुकानों में से मात्र छह दुकानें ही खोली गई। इनमें खारा स्रोत, नरेंद्रनगर, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, बागवान, प्रतापनगर की दुकानें शामिल हैं।
मुनि की रेती क्षेत्र में खारा स्रोत शराब की दुकान में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और वहां पर सोशल डिस्टेंङ्क्षसग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। वहीं नई टिहरी, चंबा , धनोल्टी, कैंप्टी और थत्यूड़ में भी लोग दिन भर दुकानों के खुलने का इंतजार करते रहे लेकिन दुकानें नहीं खुली। जिला आबकारी अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि कुछ दुकानों की ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पाई जिस वजह से वह नहीं खुल सकी।
शराब की दुकानों पर लगी लंबी लाइन
चमोली जिले में लॉक डाउन के बाद शराब के ठेके क्या खुले कि खरीददारों की लाइन लग गई। इस दौरान तय दर से अधिक पर भी शराब बेचने की शिकायतें मिली। हालांकि पुलिसकर्मी ठेकों पर तैनात किए गए थे। बावजूद इसके शारीरिक दूरी के मानकों को नजरअंदाज किया जा रहा था।
सुबह ही आबकारी विभाग ने चमोली जिले के गोपेश्वर, चमोली, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, गौचर, नारायणबगड़, थराली, देवाल, माईथान, गैरसैंण दुकानों की सील खोलकर पुराने स्टाक को नए अनुज्ञापी को सौंपा। साथ ही अनुज्ञापियों ने नए माल खरीद की कार्रवाई भी की गई।
शराब की दुकानों के खुलते ही भीड़ जुट गई थी। पुलिस को भी दुकानों पर तैनात किया गया था। बावजूद इसके शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा था। ठेकों पर लंबी कतार लगे होने के कारण ठेका संचालकों ने ठेकों में मौजूद माल को फटाफट बेचा। इस दौरान शराब सस्ती होने के बाद भी अधिक दामों पर बेचे जाने की शिकायतें हुई है।
जिला आबकारी अधिकारी दीपाली शाह ने कहा कि अभी नए अनुज्ञापियों के न आने से जोशीमठ, पोखरी, घाट, ग्वालदम, मेहलचौंरी की दुकानें नहीं खुली है। उन्होंने कहा कि जो दुकानें खुली है उनमें नई रेट लिस्ट दी गई है।
उत्तरकाशी में आदेश स्पष्ट न होने पर नहीं खुली दुकानें
गढ़वाल मंडल में उत्तरकाशी जनपद को छोड़कर अन्य सभी जिलों में शराब की दुकानें खली रही। सीमांत जनपद उत्तरकाशी में अंग्रेजी शराब की दुकानें नहीं खुली। स्पष्ट आदेश न होने का हवाला देते हुए नए व पुराने अनुज्ञापियों ने आवंटित अंग्रेजी शराब की दुकानों को नहीं खोली। जिससे शराब की शौकीन दिन भी अंग्रेजी शराब की दुकानों के आसपास मडराते रहे।
अनुज्ञापियों ने कहा कि जब तक स्पष्ट आदेश नहीं आ जाता तब तक वे अंग्रेजी शराब की दुकानें नहीं खोलेंगे। उत्तरकाशी जनपद में आबकारी के अधीन 11 अंग्रेजी शराब की दुकानें संचालित हैं। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय, श्रीनगर में भी शराब की दुकानें नहीं खुली। इन स्थानों पर शराब की दुकानों में स्टॉक का मिलान नहीं होने के चलते दुकानें नहीं खोली। वहीं टिहरी, चमोली, पौड़ी, कोटद्वार में शराब की दुकानें खोली गईं।
अधूरी तैयारियों के बीच खुली शराब की दुकान, कराई बंद
पौड़ी जनपद मुख्यालय में आधी अधूरी तैयारियों के बीच खुली शराब की दुकान को प्रशासन ने करीब दो घंटे बाद बंद करा दिया। हालांकि इस दौरान शराब की दुकान के समाने काफी भीड़ रही।
लॉक डाउन-3 के तहत छूट के तहत जनपद मुख्यालय में शराब की दुकान खुली। दुकान खुलने का समय सुबह सात बजे नियत था, लेकिन दुकान करीब साढे आठ बजे खुली। तब तक दुकान के समाने बड़ी संख्या में लोग कतार लगा कर खड़े हो गए थे। दुकान खुलते ही यहां भीड़ और बढ़ गई। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए यहां पुलिस भी तैनात थी, लेकिन करीब दो घंटे बाद प्रशासन ने दुकान को बंद करा दिया।
जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र शाह ने बताया कि दुकान संचालक ने आधी अधूरी तैयारियों के बीच दुकान खोली थी। दुकान के सामने शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए गोले भी नहीं बनाए गए थे। दुकान में काम करने वाले लोगों को मेडिकल भी नहीं कराया गया था। शाह ने बताया कि बिना तैयारियों को स्टॉक की जानकारी दिए बिना दुकान खोली गई थी। जिसे बंद कराया गया है। अब पूरी तैयारियों के साथ दुकान खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
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पहले दिन बिकी 50 लाख की शराब
जनपद पौड़ी में पहले दिन करीब 50 लाख की शराब बिकी। जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र शाह ने बताया कि पहले दिन जनपद में मात्र 10 ही दुकानें खुली थी। जिनमें करीब 100 पेटी शराब की बिक्री हुई। जिसकी कीमत 50 लाख के करीब है। शाह ने बताया कि मंगलवार को 15 से 20 दुकानें और खुलेंगी। जिनमें श्रीनगर सहित कुछ बड़ी दुकानें भी शामिल हैं। जिले में कुल 39 दुकानें आवंटित हुई हैं।
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