Vanantara Case: पीड़िता ने कहा था 'मेरे लिए जॉब ढूंढो', लेकिन जब काम मिला तो काट दी कॉल; मोबाइल किया स्विच ऑफ
Vanantara Case लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र के अंतर्गत गंगाभोगपुर स्थित वनंतरा रिसोर्ट में कार्यरत रिसेप्सनिस्ट की हत्या कर दी गई। प्रकरण को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में शुक्रवार को दो रिजार्ट कर्मियों के बयान दर्ज किए गए।

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: Vanantara Case: वनंतरा प्रकरण को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में शुक्रवार को दो रिजार्ट कर्मियों के बयान दर्ज किए गए। मामले में अगली सुनवाई तीस जून को होगी। मृतका रिसेप्शनिस्ट के पिता ने विशेष अभियोजन अधिकारी न बदले जाने तक गवाही नहीं करवाने संबंधी प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र को विचारार्थ अपने पास रख दिया।
इधर, न्यायालय परिसर के बाहर कांग्रेस ने विशेष अभियोजन अधिकारी को बदलने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जीतेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सीजन ट्रायल के तहत शुक्रवार को वनंतरा रिजार्ट के शैफ व इलेक्ट्रीशियन के बयान दर्ज किए गए।
'काम ढूंढ लें'
एक गवाह का कहना था कि 11 सितंबर 2022 को पीड़िता ने उसे मैसेज किया कि उसके लिए काम ढूंढ लें। पुलकित ने उसे किस करने की कोशिश की। गवाह का कहना था कि उसने पीड़िता के लिए नौकरी ढूंढ ली। लेकिन, बाद में पीड़िता ने पुलकित द्वारा माफी मांगे जाने की बात कर नौकरी छोड़ने से मना कर दिया।
18 सितंबर 2022 की शाम छह बजे रिसेप्शनिस्ट का उसे फोन आया कि उसे लेने आ जाओ। लेकिन, दस मिनट बाद पीड़िता ने रोते हुए कहा कि अब मत आना और फोन काट दिया। गवाह का कहना था कि रात नौ बजे जब उसने पीड़िता को फोन किया तो उसका फोन स्विच ऑफ था।
यह है मामला
बताते चलें कि लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र के अंतर्गत गंगाभोगपुर स्थित वनंतरा रिसोर्ट में कार्यरत रिसेप्सनिस्ट की हत्या कर दी गई। मामले में पुलिस ने रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर दिया। तीनों वर्तमान में जेल में हैं। शासन ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की। एसआईटी ने मामले की जांच कर आरोप पत्र अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में दाखिल कर दिया।
एसआईटी की ओर से न्यायालय में दिए गए आरोप पत्र पर 18 मार्च को सुनवाई हुई, जिसके बाद न्यायालय ने एसआईटी की ओर से लगाई गई एक धारा को हटा दिया। 28 मार्च से मामले में सीजन ट्रायल शुरू हुआ। मामले में अभी तक इस गवाहों की गवाही हो चुकी है। पिता ने दिया गवाह न किए जाने का प्रार्थना पत्र वनंतरा प्रकरण में मृतका के पिता ने विशेष अभियोजन अधिकारी जीतेंद्र रावत पर केस की मजबूत पैरवी न करने का आरोप लगाते हुए उन्हें मामले से हटाने की मांग की है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मृतका के पिता ने इस संबंध में न्यायालय में प्रार्थना पत्र देते हुए मामले में गवाही न कराने का अनुरोध किया। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर विचार कर उसे सुरक्षित अपने पास सुरक्षित रख दिया।
कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
न्यायालय में गवाही के दौरान कांग्रेसियों ने न्यायालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। मृतका के पिता के समर्थन में न्यायालय परिसर के बाहर पहुंचे कांग्रेसियों का कहना था कि सरकार मृतका के पिता की गुहार नहीं सुन रही। कहा कि मृतका के पिता विशेष लोक अभियोजन अधिकारी को हटाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, उनकी बात नहीं सुनी जा रही।
कहा कि सरकार पीड़िता को न्याय दिलवाने का ढोंग कर रही है। कहा कि यदि जल्द मृतका के पिता की गुहार सुन शासकीय अधिवक्ता को न बदला गया तो कांग्रेस आंदोलन को मजबूर होगी। प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष रश्मि पटवाल, बलवीर सिंह रावत, प्रवेश रावत, रूपेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।
अभियोजन अधिकारी ने आरोपों को बताया निराधार
विशेष अभियोजन अधिकारी जीतेंद्र रावत ने स्वयं पर लगाए जा रहे तमाम आरोपों को निराधार बताया है। कहा कि वे पूरी ईमानदारी से मामले की पैरवी कर रहे हैं। कहा कि कुछ लोग उन्हें साजिश के तहत इस मामले से हटाना चाह रहे हैं। उनकी ओर से स्वयं शासन से पूरे मामले की जांच का आग्रह किया गया है।
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