पौड़ी : महिला का हाथ हुआ ''फ्रेक्चर'' तो डॉक्टर ने प्लास्टर की जगह लगा दिया ''गत्ता''
उत्तराखंड के पौड़ी में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां एक महिला का फ्रैक्चर हुए हाथ को जोड़ने के लिए डॉक्टर ने प्लास्टर की जगह गत्ते का प्रयोग कर उसका हाथ जोड़ दिया। इसके बाद से लोगों का गुस्सा उबल पड़ा।

पौड़ी, जागरण संवाददाता : स्वास्थ्य केंद्र पाबौ में हाथ के फ्रेक्चर होने पर चिकित्सक ने महिला के हाथ पर प्लास्टर के बजाय गत्ता लगा दिया। यह फोटो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रही है। बताया गया कि अब महिला का उपचार देहरादून के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। फिलवक्त इस पूरे मामले में जिला चिकित्सालय पौड़ी के चिकित्सा अधीक्षक ने स्वास्थ्य केंद्र पाबौ को भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत दी है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र में इस तरह का यह दूसरा मामला है।
विकास खंड पाबौ के ग्राम सैंजी निवासी राकेश सिंह की पत्नी विमला देवी 11 दिसंबर की शाम को गांव के पास जंगल में घास काटने गई थी, जहां अचानक उसका पैर फिसलकर वह घायल हो गई। घायल विमला देवी को उपचार के लिए सीएचसी पाबौ में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला के हाथ में फ्रेक्चर बताते हुए उसे जिला अस्पताल पौड़ी रेफर कर दिया। इस दौरान महिला के टूटे हुए हाथ पर गत्ता लगा दिया गया। स्वजन घायल को जिला अस्पताल के बजाय देहरादून ले गए, जहां उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है। लेकिन महिला के हाथ पर गत्ता लगाए जाने की एक फोटो जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई तो इंटरनेट यूजरों ने इस पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि हाथ में फ्रेक्चर होने पर गत्ता लगाए जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले जिले के रिखणीखाल में भी एक छात्रा के हाथ में फ्रेक्चर आने पर गत्ता लगाया गया था। मौजूदा समय का यह मामला स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के विधानसभा से जुड़ा है। सीएचसी पाबौ का संचालन पीपीपी मोड के तहत जिला अस्पताल पौड़ी की निगरानी में हो रहा है।
जिला अस्पताल पौड़ी के चिकित्सा अधीक्षक डा. विजय अडवाला ने बताया कि मरीज के हाथ में फ्रेक्चर होने पर संतुलित रखने के लिए गत्ते का सहारा दिया गया। मरीज के जिला अस्पताल पहुंचने पर उसे सही उपचार मिल पाए। लेकिन इंटरनेट मीडिया पर इसे विवादित बना दिया गया है। कहा कि संबंधित चिकित्सक न होने पर भविष्य में ऐसे मामले में कच्चा प्लास्टर किया जाए। इसके लिए सीएचसी पाबौ को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।
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