Uttarakhand Disaster: गढ़वाल विवि क्षेत्र में भू-धंसाव से बढ़ा खतरा, सड़क पर आईं बड़ी दरारें; लोगों की बढ़ी चिंता
श्रीनगर गढ़वाल के डांग ऐठाणा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण विश्वविद्यालय को जोड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा भू-धंसाव की चपेट में आ गया है जिससे बड़ी दरारें आ गई हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की संभावना जताई जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से मार्ग पर आवागमन को रोकने की अपील की गई है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल। डांग ऐठाणा क्षेत्र को गढ़वाल केंद्रीय विवि के संस्थान ग्लास हाउस से जोड़ने वाली सड़क का लगभग 20 मीटर हिस्सा भू-धसाव की चपेट में आ गया है। भारी वर्षा के बाद उत्पन्न इस स्थिति के चलते सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें उभर आई हैं, जिससे मार्ग पर आवाजाही बेहद खतरनाक हो गई है।
ग्लास हाउस क्षेत्र में गढ़वाल विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों के आवासीय भवन स्थित हैं। भू-धंसाव वाली यह सड़क विश्वविद्यालय परिसर के भीतर ही आती है, जिसका उपयोग विश्वविद्यालय के कर्मियों के साथ-साथ स्थानीय निवासी भी करते हैं।
भू-धंसाव की सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन, नगर निगम और गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। वहीं, सड़क धंसने वाले स्थान से कुछ ऊपर स्थित भवनों के आंगन में भी दरारें देखी गई हैं, जिससे अंदेशा जताया जा रहा है कि क्षेत्र में भू-गर्भीय अस्थिरता और गहरी हो सकती है। प्रशासन द्वारा भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की संभावना भी जताई जा रही है।
स्थानीय रामचंद्र भट्ट ने बताया कि उनके भवन के आगे की सुरक्षा दीवार बुधवार तड़के सुबह भरभराकर गिर पड़ी। अब भवन पर खतरा मंडरा रहा है। कहा कि अगर वर्षा इसी तरह जारी रही व इसके बाद चटक धूप निकली तो स्थिति डराने वाली बन सकती है।
विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी हेम चंद्र जोशी ने बताया कि लगातार हो रही वर्षा के कारण यह भू-धंसाव हुआ है। उन्होंने आमजन से अपील की कि सुरक्षा की दृष्टि से इस मार्ग से फिलहाल आवागमन न करें, क्योंकि सड़क के कई हिस्सों में गहरी दरारें पड़ चुकी हैं और भूमि का धसना अभी भी जारी है। चिंता की बात यह है कि सड़क के ठीक नीचे विश्वविद्यालय के आवासीय भवन स्थित हैं, जिन पर अब खतरा मंडराने लगा है। सुरक्षा अधिकारी जोशी ने बताया कि यदि भू-धंसाव इसी तरह जारी रहा तो इन आवासीय भवनों को भी नुकसान पहुंच सकता है। इस विषय में विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों को भी सूचित कर दिया है।
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