उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए ट्रेनिंग महत्वपूर्ण कदम : नौटियाल
लैंसडौन में मुख्यमंत्री-उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन योजना के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भारत में शिक्षा के बदलते आयामों पर चर्चा हुई। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आयोजित छह दिवसीय प्रशिक्षण में भक्त दर्शन राजकीय महाविद्यालय की डॉ. अर्चना नौटियाल ने भाग लिया। प्रशिक्षण में शिक्षण विधियों शैक्षिक तकनीकों और वैश्विक दृष्टिकोणों पर विचार किया गया। प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय का दौरा और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया।

संवाद सहयोगी, लैंसडौन। मुख्यमंत्री-उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन योजना के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समाज पर प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। जबकि भारत में शिक्षा के बदलते हुए आयामों पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान प्रवक्ताओं को एतिहासिक क्षेत्रों का भ्रमण भी करवाया गया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर में छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें भक्त दर्शन राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय की भूगोल विभाग की प्राध्यापिका डॉ अर्चना नौटियाल भी सम्मिलित हुईं। डॉ अर्चना नौटियाल ने बताया की प्रशिक्षण में शिक्षण विधियों, आधुनिक शैक्षिक तकनीकों और वैश्विक शैक्षिक दृष्टिकोणों पर विस्तृत चर्चा हुई ।
प्रमुख विषयों में मानविकी विषयों में फील्ड सर्वे, भारत में शिक्षा और इसके बदलते आयाम, एनईपी 2020 का उद्देश्य, फ्यूचरिस्टिक रिसर्च, शिक्षा में आईसीटी का महत्व और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समाज पर प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान, प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और पुस्तकालय का भ्रमण किया।
डॉ अर्चना नौटियाल ने बताया की विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों से संवाद किया जबकि शैक्षिक भ्रमण के अंतर्गत दिल्ली के प्रमुख स्थानों जैसे राष्ट्रीय संग्रहालय, इंडिया गेट, लाल किला, लोटस टेम्पल और अक्षरधाम मंदिर का भी दौरा किया गया, जो कार्यक्रम का महत्वपूर्ण भाग था।
कार्यक्रम के अंतिम दिन एमएमटीटीसी के डायरेक्टर प्रो. रवि शेखर ने सफल प्रशिक्षण के लिए सभी प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण को अपने व्यावहारिक जीवन में लागू करने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और उन्नयन में योगदान दे सकें।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखण्ड राज्य के उच्च शिक्षा के उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा , जो प्राध्यापकों को न केवल शिक्षण में नवीनतम तकनीकों से अवगत कराता है, बल्कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार करता है।
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