परिवार की रीढ़ था सुमन, रास्ता देने को कहा तो पोकलैंड से कुचलकर मार डाला
पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में रास्ता देने को लेकर हुए विवाद में पोकलैंड चालक ने सुमन नामक युवक की हत्या कर दी। आरोपी मौके से फरार है और पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। सुमन नौसिन गांव का निवासी था और फोटोग्राफी का काम करता था। वह अपने परिवार का सहारा था और उसकी मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है।

संवाद सहयोगी, जागरण कोटद्वार। रास्ता देने को लेकर हुए विवाद में पोकलैंड चालक ने युवक की पोकलैंड के अगले हिस्से (बफेट) से कुचलकर हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गया। पुलिस ने उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।
द्वारीखाल ब्लाक के अंतर्गत ग्राम नौसिन निवासी सुमन फोटोग्राफी का काम करता था। जबकि उनकी पत्नी पूजा बच्चे की बेहतर शिक्षा के दृष्टिगत हरिद्वार यह रही थी। अपनी दादी की आंखों का तारा सुमन अब नहीं रहा, दादी को इस बात का कतई भरोसा नहीं हो रहा।
शनिवार रात गुमखाल-सतपुली के मध्य एक पोकलैंड चालक ने सुमन की हत्या का दी। सुमन की मौत से परिवार की रीढ़ टूट गई। दो भाईयों में बड़ा सुमन जहां क्षेत्र में फोटोग्राफी करने के साथ ही परिवार की देखरेख भी करता था, उसका छोटा भाई गुड़गांव में निजी कंपनी में नौकरी करता है।
2019 में सुमन का विवाह हरिद्वार जिले में भूपतवाला निवासी पूजा के साथ हुआ था। उसका एक पांच वर्षीय बेटा भी है। बेटे की बेहतर पढ़ाई हो, इसके लिए पत्नी पूजा हरिद्वार में ही रहती थी व वहीं नौकरी कर परिवार की आर्थिकी संवारने में सुमन की मदद कर रही थी।
सुमन अपने बीमार माता-पिता व दादी की देखभाल करने के लिए गांव में ही रहता था। समय-समय पर वह पत्नी व बच्चों से मिलने हरिद्वार जाया करता था। सुमन की मां रेखा देवरानी अपने बेटे को याद करते हुए कहती है कि वह कहीं भी काम पर जाता था तो समय-समय पर घर फोन कर हाल-चाल पूछा करता था। सुमन अपनी माता-पिता व दादी की दवा से लेकर अन्य खर्चे उठाता था। सुमन के पिता बोल व सुन नहीं सकते।
पिता को खोज रहा आरव
भले ही सुमन की मौत हो गई हो। लेकिन, उसका पांच वर्षीय बेटा अब भी अपने पिता के वापस लौटने की आस मे है। अस्पताल में आरव इधर-उधर पिता की तलाश करता रहा। अपनी मां व दादी से अपने पिता के बारे में पूछता रहा। कुछ देर बाद जब पुलिस उसके समीप से स्टेचर में सुमन का शव लेकर गई तो आरव यह कहने लगा कि उसके पिता सो रहे हैं।
पूरे गांव का चहेता था सुमन
सुमन की मौत के बाद बेस अस्पताल में पहुंचे नौसिन के ग्रामीणों ने बताया कि सुमन पूरे गांव का चहेता था। यदि गांव में कभी कोई बीमार हो जाता था तो सुमन रात के दो बजे भी उसे अपनी मोटरसाइकिल से अस्पताल पहुंचाने के लिए तैयार रहता था। हर किसी के दुख-सुख में सुमन शामिल होता था। उसकी मौत के बाद पूरा गांव सदमे मे है। गांव वालों को यकीन नहीं हो रहा कि उनके गांव का लाल अब इस दुनिया में नहीं रहा।
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