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    Uttarakhand Disaster: आपदा में अपना घर खो चुके पौड़ी के 22 परिवार, आंखों में नए आशियाने की तलाश

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 04:18 PM (IST)

    पौड़ी जनपद में आपदा ने भारी तबाही मचाई है जिसमें सात लोगों की जान चली गई और कई बेघर हो गए। प्रभावित गांवों में जीवन सामान्य करने के प्रयास जारी हैं पर 44 परिवार अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा प्रभावितों को सहायता राशि वितरित की गई है और पुनर्वास के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया चल रही है।

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    आपदा से कराह रहे गांवों में जीवन की जद्दोजहद आज भी है जारी. Jagran

    जागरण संवाददाता, पौड़ी। जनपद पौड़ी में आपदा ने गहरे जख्म दिए हैं। जिले में 22 परिवार अपना घर खो चुके हैं। उनकी आंखों में नए आशियाने की तलाश है। यहां आपदा में छह लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पांच अभी भी लापता चल रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में जीवन को आम दिनों की तरह पटरी पर लाए जाने की जद्दोजहद हर दिन हो रही है। लेकिन अभी 44 परिवार राहत शिविरों में ही गुजर-बसर कर रहे हैं।

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    जनपद पौड़ी में बीते 15 जून से शुरु हुए मानसून सत्र के बाद यूं तो भारि बारिश से आपदा की छिटपुट घटनाएं सामने आ रही थी। लेकिन बीते छह अगस्त की सुबह यहां बड़ी आपदा लेकर आई थी। जिले के विकास खंड पाबौ स्थित ग्राम सैंजी में 17 मकान व पांच दुकानें बह गई थी। बुरांसी गांव में दो बहने किचन में मलबा आने से दब गई थी। जिसमें उन्होंने अपनी जान गंवा दी थी।

    थलीसैंण के बांकुड़ा गांव में सड़क निर्माण के कार्य के लिए टेंट में रह रहे पांच नेपाली मूल के लोग बह गए थे। जिनका आज तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है। तहसील चौबट्टाखाल के कोटा गांव में एक महिला गोशाला में दब गई थी। थलीसैंण के रणगांव में एक युवती गदेरे के तेज बहाव की चपेट में आ गई थी। जिसमें उसकी मौत हो गई थी।

    कोटद्वार में सिद्धबली मंदिर के समीप हाईवे पर एक वाहन के ऊपर दो बोल्डर गिरने से दो लोगों की मौके पर मौत हो गई थी। इसके अलावा जिले में विभिन्न विकास खंडों में भारी बारिश व मलबा आने से बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा था। जिले में विभिन्न हादसों में 19 लोग घायल हो गए थे। पशुधन के रुप में 33 दुधारु पशु, छोटे दुधारु 9 और गैर दुधारु 19 पशुओं की क्षति हुई है।

    जिला प्रशासन के अनुसार आपदा की शुरुआत में 14 गांवों के 70 प्रभावित परिवार राहत शिविर में रह रहे थे। जिनमें से वर्तमान में 44 परिवार आज भी राहत शिविरों में रहे रहे हैं। जिन्हें प्रशासन समुचित व्यवस्थाएं उपलब्ध करा रहा है। सार्वजनिक संपत्ति के रुप में सड़क, विद्युत लाइन, पेयजल सहित विभिन्न क्षेत्रों में 2008 संपत्तियों को क्षति पहुंची है। जिसके नुकसान का आंकलन 77 करोड़ 46 लाख 52 हजार का है।

    क्षतिग्रस्त भवनों की स्थिति

    • पूर्ण -तीक्ष्ण -आंशिक-    गोशाला
    • 22-       22-        1525 -5

    वितरित अनुदान

    पौड़ी: जिला प्रशासन द्वारा जिले में आपदा प्रभावितों को 2 करोड़ 52 लाख 8 हजार 900रुपये अनुदान राशि वितरित कर दी है। जिनमें पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त 22 भवन स्वामियों व 7 जान गंवाने वाले के स्वजनों को 5-5 लाख की धनराशि शामिल है।

    मद के अनुरुप गृह अनुदान के रुप में 1574 प्रभावितों को 14.58 लाख, अनुग्रह अनुदान से 51 प्रभावितों को 39.52 लाख, कृषि अनुदान में 1589 प्रभावितों को 47.51 लाख, खोज एवं राहत बचाव के 13 कार्यों के लिए 16.96 लाख की सहायता दी गई है।

    जिले में 22 परिवारों के घर पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए हैं। 44 परिवार अभी भी आपदा राहत शिविरों में रहे हैं। प्रशासन द्वारा उक्त परिवारों को समुचित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। आपदा प्रभावित तहसीलों में विस्तापन के लिए भूमि चयन को लेकर संबंधित उपजिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। - स्वाति एस भदौरिया, डीएम पौड़ी

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