उत्तराखंड के पौड़ी में महिला पर हमला करने वाला गुलदार आदमखोर घोषित, मारने का आदेश; आंदोलन स्थगित
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया गया है, क्योंकि उसने एक महिला पर हमला किया था। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया था, जिसे गुलदार को मारने के आदेश के बाद स्थगित कर दिया गया। वन विभाग को गुलदार को मारने के आदेश दिए गए हैं।

डोभाल ढांडरी गांव में 21 नवंबर को गुलदार घास काट रही महिला पर किया था हमला। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, पौड़ी। जिला मुख्यालय पौड़ी से सटे गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज स्थित डोभाल ढांडरी गांव में महिला पर हमला करने वाले गुलदार को आदमखोर घोषित कर अंतिम विकल्प के रुप में मारने का आदेश हो गया है। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखंड रंजन कुमार मिश्र ने यह आदेश जारी किया है। जिसके बाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में जल्द ही शूटर तैनात किया जाएगा। ट्रैंकुलाइज टीम पहले से ही क्षेत्र में तैनात है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बच्चों को स्कूल आने-जाने और ग्रामीण महिलाओं को खेत या जंगल में चारापत्ती के लिए आने-जाने में परेशानी ना हो, इसके लिए विभागीय टीम सहयोग के तत्पर है।
जिला मुख्यालय पौड़ी से सटे गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज स्थित डोभाल ढांडरी गांव में बीते 21 नंवंबर को भगवाना देवी 62 अपनी बड़ी बहन प्रेम देवी 70 के साथ गांव के समीप थलधार तोक में घास काटने गई थी। जहां घास काटते समय 2:45 बजे घात लगाए गुलदार ने भगवाना देवी पर हमला कर दिया था। समीप ही घास काट रही उनकी बडी बहन ने शोर बचाना शुरु किया था। साथ ही उनके हाथ पर पत्थर, लकड़ी जो भी आया, उसे गुलदार की ओर फेंकती रही। ग्रामीणों को आता देख गुलदार भाग खड़ा हुआ था।
ग्रामीणों ने घायल महिला को जिला अस्पताल में उपचार के भर्ती कराया था। जहां चिकित्सकों ने बताया था कि महिला के गले में गुलदार ने नाखून से गहरा घाव किया है। उपचार के बाद बीते 25 नवंबर को घायल महिला को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। लेकिन इधर ग्रामीण गुलदार को आदमखोर घोषित कर मारने का आदेश दिए जाने और गुलदार को शेडयूल वन की श्रेणी से हटाने की मांग पर 22 नवंबर से पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पर गडोली के समीप आंदोलन कर रहे थे। बीते 26 नवंबर को ग्रामीणों ने हाईवे पर एक घंटे का जाम भी लगाया था।
डीएफओ गढ़वाल अभिमन्यु ने बताया कि डोभाल ढांडरी गांव में महिला को हमले में घायल करने वाले गुलदार को सबसे पहले पिंजरें में कैद किए जाने, उसमें सफलता नहीं मिलने पर ट्रैंकुलाइज किए जाने और अंतिम विकल्प के रुप में नष्ट किए जाने का आदेश हो गया है। विभाग क्षेत्र में जल्द ही मचान बनाने के साथ ही शूटर तैनात करेगा। अभी तक क्षेत्र में दो पिंजरें लगाए गए हैं। 10 सदस्यीय विभागीय टीम नियमित गश्त कर रही है। साथ ही ट्रैंकुलाइज टीम भी तैनात है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्कूल आने-जाने वाले बच्चों, गांव में खेती या जंगल में चारपत्ती लाने के लिए आने-जाने वाली महिलाओं को किसी तरह की परेशानी सामने आएगी, तो विभागीय टीम तत्परता के साथ मदद के लिए खड़ी रहेगी।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता भाष्कर बहुगुणा, विनोद दनोसी ने कहा कि ग्रामीणों के आंदोलन के बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर मारने का आदेश जारी कर दिया है। यह ग्रामीणों की एकजुटता व आंदोलन की जीत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने सामूहिकता से आंदोलन काे स्थगित किए जाने का निर्णय लिया है। लेकिन इस दिशा में किसी भी तरह से लापरवाही वन विभाग व स्थानीय प्रशासन द्वारा बरती गई, तो फिर से आंदोलन किया जाएगा।

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