Monsoon in Uttarakhand: कोटद्वार में पहाड़ी से आया मलबा, घंटों बंद रहा हाईवे
Monsoon in Uttarakhand गुमखाल-सतपुली के मध्य नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी मलबा आने से यातायात बाधित हो गया। एक पिकअप वाहन भी क्षतिग्रस्त हुआ चालक ने भागकर जान बचाई। चौड़ीकरण कार्य के चलते राजमार्ग पर मिट्टी के ढेर और पहाड़ी कटान से समस्या बढ़ रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से व्यवस्था सुधारने की मांग की है ताकि बारिश में यातायात सुचारू रहे।
संवाद सहयोगी, जागरण कोटद्वार। नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग गुमखाल-सतपुली के मध्य वर्षा काल में चुनौती बन रहा है। शनिवार सुबह कुल्हाड़ बैंड़ के समीप पहाड़ी से भारी मलबा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया। मलबे की चपेट में आने से एक पिकअप वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन चालक ने भागकर अपनी जान बचाई। मलबे के कारण करीब छह घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित रहा।
वर्तमान में नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। जिसके कारण राष्ट्रीय रजामार्ग पर कहीं मिट्टी के ढेर लगे हैं तो कहीं पहाड़ी कटाने के बाद सुरक्षा दीवार बन रही है। ऐसे में हल्की वर्षा होने पर ही पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिर रहा है। शनिवार सुबह करीब पांच बजे कुल्हाड़ पेड़ पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया।
ऐसे में सतपुली से गुमखाल की ओर रहे रहे पिकअप वाहन के ऊपर भी कुछ मलबा गिर गया। जिससे पिकअप वाहन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मलबे के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर लंबा जाम लगा हुआ था। मौके पर मौजूद कार्यदायी संस्था की जेसीबी व पोकलेंड मशीनों ने मलबे को हटाने का कार्य शुरु किया। सुबह करीब दस बजे मलबा पूरी तरह साफ होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारु हो पाया। करीब छह घंटे बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का संचालन होने से यात्रियों ने राहत की सांस ली।
वर्षाकाल में बढ़ रही मुश्किल
गुमखाल-सतपुली के मध्य चौड़ीकरण के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर अव्यवस्थाएं बनी हुई है। सड़क किनारे पड़े मिट्टे के टीले व मलबा वाहन चालकों की राह में चुनौती बन रहा है। हल्की वर्षा होने पर मिट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहने लगती है। ऐसे में दोपहिया वाहनों के रपटने का खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की मांग की है। कहा वर्षा के दौरान यातायात बेहतर तरीके से चलता रहे। इसके लिए व्यवस्थाएं बनाई जानी चाहिए।
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