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मेडिकल कालेज के शिलान्यास का पत्थर भी ले उड़े खननकारी

वाह रे सरकारी सिस्टम! जिस मेडिकल कालेज के नाम पर बीते दिसंबर माह में सत्ता के गलियारे में रूठने-मनाने का दौर चल रहा था आज उस मेडिकल कालेज का शिलान्यास पत्थर भी खननकारी ले गए। यूं तो कोटद्वार क्षेत्र में नदियों से उपखनिज की चोरी कोई नई बात नहीं। लेकिन खननकारियों ने मेडिकल कालेज के लिए चयनित भूमि को ही खुर्द-बुर्द कर डाला।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Feb 2022 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 28 Feb 2022 11:03 PM (IST)
मेडिकल कालेज के शिलान्यास का पत्थर भी ले उड़े खननकारी

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: वाह रे सरकारी सिस्टम! जिस मेडिकल कालेज के नाम पर बीते दिसंबर माह में सत्ता के गलियारे में रूठने-मनाने का दौर चल रहा था, आज उस मेडिकल कालेज का शिलान्यास पत्थर भी खननकारी ले गए। यूं तो कोटद्वार क्षेत्र में नदियों से उपखनिज की चोरी कोई नई बात नहीं। लेकिन, खननकारियों ने मेडिकल कालेज के लिए चयनित भूमि को ही खुर्द-बुर्द कर डाला। सिस्टम की ओर से खनन के इस खेल में साधी गई चुप्पी सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है।

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केंद्र सरकार की ओर से कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए स्वीकृत भले ही न दी गई हो। लेकिन, उत्तराखंड शासन ने कोटद्वार नगर निगम के अंतर्गत लछमपुर में मेडिकल कालेज के लिए दस हेक्टेयर भूमि का चयन कांग्रेस शासनकाल में ही कर दिया था। भाजपा सत्ता में आई व पूरे वर्ष वर्ष मेडिकल कालेज की भूमि को लेकर बातें होती रही। स्थिति यह रही कि मेडिकल कालेज की घोषणा न होने पर बीते दिसंबर माह में संपन्न हुई अंतिम कैबिनेट बैठक को क्षेत्रीय विधायक डा. हरक सिंह रावत ने अधूरा छोड़ दिया व बैठक से बाहर आ गए थे। दो-तीन दिन मान-मनोव्वल का दौर चला व बाद में मुख्यमंत्री ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए 25 करोड़ की धनराशि की घोषणा कर दी। सात जनवरी को डा. रावत ने मेडिकल कालेज निर्माण कार्य का शिलान्यास भी कर दिया। शिलान्यास के बाद से अभी तक इस स्थान पर निर्माण के नाम पर एक भी पत्थर नहीं रखा गया है। अलबत्ता, खननकारी शिलान्यास पट को भी अपने साथ ले गए।

धड़ल्ले से चल रहे अवैध भंडारण

इसे सरकारी सिस्टम की लचर कार्यशैली ही कहा जाएगा कि मेडिकल कालेज के चारों ओर कई भंडारण अवैध रूप से संचालित हैं। बावजूद इसके सरकारी सिस्टम इस ओर झांकने की भी जहमत नहीं उठा रहा। आलम यह है कि मेडिकल कालेज की भूमि से उपखनिज उठा कर प्रतिदिन उसे डंपरों में भरकर उत्तर प्रदेश की ओर भेजा जाता है। लेकिन, स्थानीय प्रशासन इसकी सुध ले रहा है और न ही वन महकमा। बताना जरूरी है कि खननकारी कई मर्तबा वन क्षेत्र में पहुंच अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। कुछ समय पूर्व कोटद्वार कोतवाली की कलालघाटी चौकी के प्रभारी ने भी उपजिलाधिकारी को पत्र भेजकर मेडिकल कालेज की भूमि पर अवैध खनन होने व इससे लगे क्षेत्र में अवैध भंडारण की बात कही थी। लेकिन, प्रशासन ने इस पत्र को भी सरकारी फाइलों में दबा दिया।

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मामला बेहद गंभीर है। मेडिकल कालेज ही नहीं, क्षेत्र में कहीं भी अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को अवैध खननकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जा रहा है।

विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पौड़ी


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