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    कोटद्वार में आफत बनी बारिश, हाईवे सहित अन्य सड़कें बंद; ढहने लगा पुलिया का पिलर

    रविवार को कोटद्वार और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हुई जिससे गुमखाल-सतपुली मार्ग पर मलबा आ गया और कोटद्वार-नजीबाबाद मार्ग पर पुलिया की एप्रोच टूट गई। राजमार्ग विभाग ने मलबा हटाया और वैकल्पिक व्यवस्था की। पनियाली गदेरे पर बनी वैकल्पिक पुलिया भी बह गई और कौड़िया में एक पुलिया का पिलर ढहने की कगार पर है। कई संपर्क मार्ग भी बाधित हुए।

    By Ajay khantwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 29 Jun 2025 04:09 PM (IST)
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    पनियाली गदेरे पर बनी पुलिया का पिलर, जो गदेरे के तेज बहाव से लगातार खोखला होता जा रहा है। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण कोटद्वार। कोटद्वार के साथ ही आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों में रविवार को हुई वर्षा आफत बनकर टूटी। सुबह चार बजे से शुरु हुई वर्षा के कारण गुमखाल-सतपुली के मध्य कुल्हाड़ बैंड के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी मलबा आ गया। जिसके कारण हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारे लगी हुई थी।

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    वहीं, कोटद्वार- नजीबाबाद के मध्य जाफरा के समीप पुलिया की एप्रोच टूट गई। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग नाले में ह्यूम पाइप डालकर यातायात को सुचारु करवाया।

    रविवार सुबह चार बजे से कोटद्वार व आसपास के क्षेत्र में बारिश का दौर शुरु हो गया था। तेज वर्षा के कारण सुबह साढ़े चार बजे गुमखाल-सतपुली के मध्य कुल्हाड़ बैंड के समीप भारी मलबा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया। राष्ट्रीय राष्ट्रीय चौड़ीकरण करवा रही कंपनियों की जेसीबी व पोकलेंड मशीनों ने मलबे को हटाने का कार्य शुरु किया।

    दोपहर करीब डेढ़ बजे मलब पूरी तरह हटने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन शुरु हुई। हाईवे बंद होने के कारण हाईवे के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए थे। इससे पूर्व शनिवार को भी कुल्हाड़ बैंड के समीप पहाड़ी से भारी मलबा आ गया था। ऐसे में गुमखाल-सतपुली के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्षा काल के दौरान चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

    उधर, कोटद्वार-नजीबाबाद के मध्य जाफरा के समीप एक नाले के ऊपर बनी पुल की एप्रोच ढह गई। गनीमत यह रही कि उस समय कोई भी वाहन पुलिया के ऊपर से नहीं गुजर रहा था। जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। एप्रोच टूटने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। एनएच विभाग की जेसबी मशीन ने नाले में ह्यूम पाइप डालकर आवागमन की व्यवस्था बनाई। इस दौरान करीब तीन घंटे तक कोटद्वार-नजीबाबाद के मध्य यातायात पूरी तरह ठप रहा।

    वैकल्पिक व्यवस्था भी बही

    गत वर्षाकाल में कौड़िया से गब्बरसिंह कैंप व काशीरामपुर मल्ला को जोड़ने के लिए पनियाली गदेरे के ऊपर बनी पुलिया ढह गई थी। इसके बाद प्रशासन की ओर से गब्बर सिंह कैंप के समीप पनियाली गदेरे में ह्यूम पाइप डालकर आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई थी। लेकिन, रविवार को पनियाली गदेरे का जल स्तर बढ़ने से यह वैकल्पिक व्यवस्था भी ढह गई। ऐसे में आर्मी कैंप में जाने के साथ ही काशीरामपुर मल्ला के लिए आवागमन करना भी एक चुनौती बन गई है। हालांकि, सरकारी सिस्टम दोबारा से वैकल्पिक व्यवस्था बनाने में जुट गया है।

    ढहने लगा पुलिया का पिलर

    कौड़िया से प्राथमिक विद्यालय कौड़िया व आसपास के आबादी क्षेत्र को जोड़ने के लिए दशकों पूर्व पनियाली गदेरे पर बनी पुलिया का पिलर ढहने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में पुलिया से आवागम करने वालों को खतरा बना हुआ है। जबकि, क्षेत्रवासी पिछले दो वर्षों से लगातार पुलिया के पिलर की मरम्मत करवाने की मांग उठा रहे थे। लेकिन, सरकारी सिस्टम ने अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया था।

    सपंर्क मार्ग हुई भी हुए बंद

    वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग भी बंद हो गए। जगमोहन सिंह नेगी-लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-रथवाढांब धुमाकोट स्टेट हाईवे पर जगह-जगह पहाड़ी से मलबा आ गया।

    सतपुली-दुधारखा मार्ग पर भी मलबे के कारण यातायात पूरी तरह बंद हो गया। रिखणीखाल से किलबोखाल को जोड़ने वाले मार्ग पर भी कई स्थानों पर पहाड़ी से मलबा आ गया। हालांकि, लोकनिर्माण विभाग व एनएच विभाग की जेसीबी मशीन लगातार मार्ग को खोलने के कार्य में जुटी हुई थी।