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    उत्‍तराखंड में आपदा राहत के लिए संयुक्त बचाव तैयारी की रिहर्सल, सेना और पुलिस आए साथ

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 05:20 PM (IST)

    उत्तराखंड में आपदा राहत के लिए सेना और पुलिस ने संयुक्त बचाव तैयारी का अभ्यास किया। इस रिहर्सल का मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। सेना और पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करना और आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देना इस अभ्यास का लक्ष्य है।

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    जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल।विषम और आपात परिस्थितियों में त्वरित एवं प्रभावी राहत-बचाव कार्यों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय सेना, पुलिस प्रशासन और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान सभी एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय और संसाधन साझा करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।

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    गुरुवार को भारतीय सेना के अधिकारियों ने एलआईयू टीम व स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर टिहरी और पौड़ी जिलों को जोड़ने वाले कीर्तिनगर मोटर पुल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पुल की संरचनात्मक स्थिति, निकासी मार्गों, और आपातकालीन उपयोग की संभावनाओं का आकलन किया गया। साथ ही क्षेत्र के महत्वपूर्ण संपर्क मार्गों और वैकल्पिक रास्तों की भौगोलिक जानकारी भी ली गई, ताकि प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं या सुरक्षा संबंधी घटनाओं के दौरान राहत दलों की तेजी से आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।

    प्राप्त जानकारी के अनुसार इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन की तैयारी को व्यवहारिक स्तर पर परखना और सेना, पुलिस व स्थानीय प्रशासन के बीच रियल-टाइम कोआर्डिनेशन को मजबूत करना है। निरीक्षण दल ने न केवल सड़क और पुलों की स्थिति का जायजा लिया, बल्कि संवेदनशील स्थलों और आपातकालीन प्रतिक्रिया बिंदुओं की पहचान भी की गई। इस दौरान स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सूचना भी ली गई, ताकि किसी भी आपदा के दौरान संसाधनों का त्वरित उपयोग और कार्य का समुचित वितरण किया जा सके।

    गौरतलब हो कि आपदा या आपातस्थिति के समय सेना की भूमिका केवल राहत तक सीमित नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन को लाजिस्टिक, संचार और चिकित्सा सहायता प्रदान करने में भी अहम होती है। बताया जा रहा है कि इस तरह का संयुक्त निरीक्षण प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से किया जाता है, ताकि पर्वतीय भूभाग, नदी तटों, पुलों और संपर्क मार्गों की स्थिति का अद्यतन मूल्यांकन होता रहे और किसी भी संभावित आपात स्थिति में सेना, पुलिस व नागरिक प्रशासन के बीच तालमेल बना रहे। निरीक्षण दल में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, कोतवाली श्रीनगर के प्रभारी निरीक्षक, एलआईयू अधिकारी शामिल रहे।