कौन हैं उत्तराखंड के पौड़ी जिले के एसएसपी लोकेश्वर सिंह? संयुक्त राष्ट्र में सेवा के लिए हुआ चयन
उत्तराखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी और पौड़ी के एसएसपी लोकेश्वर सिंह का चयन संयुक्त राष्ट्र से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय संगठन में हुआ है। हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी लोकेश्वर सिंह पिछले 11 वर्षों से उत्तराखंड में सेवाएं दे रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि एलयूसीसी घोटाले का पर्दाफाश करना रहा है। संयुक्त राष्ट्र में चयनित होने पर उन्होंने इसे गौरवपूर्ण क्षण बताया।

जागरण संवाददाता, पौड़ी। उत्तराखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी व एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय फलक पर सेवाएं देते नजर आएंगे। उनका चयन संयुक्त राष्ट्र से संबंद्ध एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के लिए हो गया है। जिसमें आगामी पांच सालों तक सेवाएं देंगे।
एसएसपी सिंह हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी हैं। बीते 11 वर्षों से देवभूमि उत्तराखंड में बेहतर सेवाएं दे रहे हैं। उनका ध्येय स्मार्ट पुलिसिंग रहा है। उनकी सबसे बड़ी उपब्धियों में एलयूसीसी घोटाला उजागर करना रहा है।
उत्तराखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी व एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह का चयन संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एक अंतरराष्ट्रीय संगठन में हुआ है। यह चयन एक कठिन और प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है, जिसमें विश्वभर के योग्य अधिकारी भाग लेते हैं।
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले
लोकेश्वर सिंह हिमाचल प्रदेश के चंबा के रहने वाले हैं। इंजीनियरिंग व एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2014 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ।
उन्होंने पिछले 11 वर्षों के दौरान उत्तराखंड पुलिस में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए राज्य की कानून-व्यवस्था, जनसुरक्षा को सुदृढ़ करने में योगदान दिया है। वह एसपी बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, एसपी यातायात देहरादून, एसपी अभिसूचना मुख्यालय देहरादून, एएसपी देहरादून आदि का दायित्व संभाल चुके हैं। मार्च 2024 से
वह एसएसपी पौड़ा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अब वे अपनी नई अंतरराष्ट्रीय भूमिका में संस्थागत अखंडता, शांति स्थापना और सतत विकास जैसे वैश्विक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।
एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र में सेवा के लिए चयनित होना गौरवपूर्ण क्षण है। कहा पुलिस मुख्यालय और राज्य सरकार से जल्द ही उक्त सेवा के लिए चयनित होने पर आवश्यक अनुमोदन को आवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वे उत्तराखंड कैडर से कार्यमुक्त होकर इस अंतरराष्ट्रीय संगठन में अपनी नई भूमिका का दायित्व संभालेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।