मलेशिया में दम दिखाएंगे गढ़वाली वीर, भारत-मलेशियाई सेना के बीच संयुक्त 'हरिमो शक्ति' युद्धाभ्यास शुरू
भारत-मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास हरिमौ शक्ति 2022 आज 28 नवंबर से मलेशिया में शुरू हो गया है जो 12 दिसंबर 2022 तक चलेगा। इसमें गढ़वाल राइफल्स की 17वीं बटालियन के सैनिक मलेशियाई सेना के साथ युद्ध अभ्यास करेंगे।

अनुज खंडेलवाल, लैंसडौन। गढ़वाल की धरती के लाल विलक्षण बहादुरी की परंपरा को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए रणकौशल के अभ्यास के लिए मलेशिया पहुंच गए हैं। यह पहला मौका है जब भारत सरकार ने गढ़वाल राइफल्स के दल को मलेशियाई सेना के साथ सैन्य अभ्यास के लिए भेजा है। आपरेशन हरिमौ शक्ति के तहत चलने वाले इस सैन्य अभ्यास में गढ़वाल राइफल्स के दल में 62 अधिकारी, जेसीओ व जवान शामिल हैं।
सभी युद्धों में अपने पराक्रम का दिया परिचय
भारतीय थल सेना में गढ़वाल राइफल्स ने आजादी से पूर्व व बाद के सभी युद्धों में अपने पराक्रम व साहस का परिचय देते हुए न सिर्फ दुश्मनों को नाकों तले लोहा बचाने के लिए मजबूर कर दिया, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाकर रेजीमेंट को थल सेनाओं की श्रेणी में अग्रणी स्थान पर भी सुशोभित किया है।
भारत व मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने की दिशा में थल सेना का दल सुबंग पहुंच गया है। दो सेनाओं के बीच सहयोग को गहरा करने के साथ भारत व मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। अभियान दल में गढ़वाल राइफल्स के अधिकारियों के साथ जेसीओ व अन्य जवान हिस्सा लेंगे।
17वीं बटालियन के सैनिक करेंगे युद्ध अभ्यास
हरिमौ शक्ति 2022 मलेशिया के तहत द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास से युद्ध के दौरान दोनों सेनाओं की युद्ध दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी। गढ़वाल राइफल्स की 17वीं बटालियन के सैनिक मलेशियाई सेना के साथ युद्ध अभ्यास करेंगे।
अभियान में शामिल होने के लिए कमान अधिकारी कर्नल अक्षय डोगरा के नेतृत्व में 62 सैनिकों का दल मलेशिया के सुबंग में पहुंच गया है। अभियान दल का मकसद दोनों सेनाओं के बीच आपसी समन्वय स्थापित कर युद्ध क्षेत्र में दुश्मनों को मुकाबला कर रण क्षेत्र को अपने पक्ष में करना है। यह पहला मौका है जब भारत सरकार ने मलेशिया में थल सेना की ओर से गढ़वाल राइफल्स की 17वीं बटालियन को सैन्य अभ्यास के लिए भेजा है।
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