उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत, डॉक्टरों ने मोबाइल की रोशनी में किया मरीजों का चेकअप
पौड़ी जिला अस्पताल में बिजली गुल होने से मरीजों को परेशानी हुई। डॉक्टरों ने मोबाइल की रोशनी में इलाज किया क्योंकि जनरेटर काम नहीं कर रहा था। पहले भी ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं जिस पर लोगों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही बताई। कांग्रेस ने भी इस पर सवाल उठाए। विद्युत विभाग ने कहा कि जनरेटर में खराबी की वजह से समस्या हुई।

जागरण संवाददाता, पौड़ी। जिस जिला अस्पताल पर मरीजों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी है। उसी अस्पताल की सेहत नासाज चल रही है। अस्पताल में चिकित्सकों को आकस्मिक विभाग में मोबाइल के टॉर्च से मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करना पड़ रहा है।
यह दूसरी घटना है, जब अस्पताल में यह स्थिति देखने को मिली। इससे पहले बीते जनवरी माह में हुए सड़क हादसे के दौरान चिकित्सक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे थे, तभी विद्युत आपूर्ति बाधित हुई।
चिकित्सकों ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण मोबाइल के टॉर्च की टॉर्च से उपचार किया था। मरीजों के तीमारदारों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री पौड़ी जिसे से होने के बावजूद अस्पताल में व्यवस्थाएं चाकचौबंद नहीं हैं।
ग्रिड फेल होने से विद्युत आपूर्ति ठप
जिला मुख्यालय पौड़ी में बीते शुक्रवार शाम सात बजे ग्रिड फेल होने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई थी। जो करीब सवा 8 बजे सुचारु हुई। इस दौरान जिला अस्पताल पौड़ी में भी विद्युत आपूर्ति बाधित रही। चिकित्सकों को मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण मोबाइल की रोशनी में करने को मजबूर होना पड़ा।
अस्पताल प्रशासन जनरेटर संचालित ही नहीं कर पाया। जिससे मरीजों व तीमारदारों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अद्वैत बहुगुणा ने इसे स्वास्थ्य विभाग व जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही करार दिया। कहा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पौड़ी जिले से हैं, बावजूद इसके यहां स्वास्थ्य सेवा लचर हालात में है।
गढ़वाल विवि के बीजीआर परिसर पौड़ी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ऋत्विक असवाल ने बताया कि एक बच्ची को बुखार की शिकायत होने पर उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल गया था। जहां सात बजे विद्युत आपूर्ति अचानक ठप हो गई। करीब 20 मिनट इंतजार किया, लेकिन जनरेटर शुरु ही नहीं हुआ। इसी दौरान अस्पताल में चार से पांच मरीज और आ गए।
चिकित्सकों ने मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में उन मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। कहा जिला मुख्यालय में जब व्यवस्थाओं का ऐसा हाल है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल होगा यह आंकलन लगाया जा सकता है।
असवाल ने बताया कि करीब एक घंटा अस्पताल में यही हालात बने रहे। अस्पताल स्टाफ से वार्ता की तो पता चला कि जनरेटर में डीजल का ना होना तथा जनरेटर का लोड ना लेना बताया गया। वहीं जिला अस्पताल पौड़ी के प्रभारी पीएमएस डा. सुनील शर्मा ने बताया कि विद्युत
आपूर्ति बाधित होने पर जनरेटर संचालन के निर्देश कार्मिक को दिए गए। बताया कि तकनीकी खामी को चलते कुछ समय अस्पताल में विद्युत व्यवस्था प्रभावित रही। डा. शर्मा ने बताया कि संबंधित कार्मिको को भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
बस हादसे में भी सामने आई थी यह स्थिति
पौड़ी: पौड़ी- देलचौंरी मोटर मार्ग पर बीते 12 जनवरी को एक बस हादसा हुआ था। जिसमें सवार 21 लोग घायल हो गए थे। जिनमें से छह की मौत हो गई थी। हादसे के घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पौड़ी लाया गया था। जब अस्पताल में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा था।
उसी दौरान विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर चिकित्सकों ने मोबाइल की रोशनी में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था। जिसके बाद तत्कालीन सीएमओ पर इसकी गाज गिरी थी। शासन ने उन्हें बाध्य प्रतिक्षा में रख दिया था।
जिला अस्पताल पौड़ी में विद्युत आपूर्ति ठप होने के बाद जनरेटर संचालित नहीं होने को लेकर कई बार शिकायत मिल चुकी है। जिसमें अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ही सामने आई है। जनरेटर में डीजल नहीं होना और समय-समय पर संचालित नहीं किए जाने से यह हालात सामने आते हैं। विभाग जिला प्रशासन को जल्द ही इस संबंध में पत्र भेजकर अवगत कराएगा। - गोविंद सिंह रावत, एसडीओ विद्युत वितरण खंड पौड़ी
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