Guldar Terror: शिकारी जॉय हुकिल की एक गोली में ढेर हुआ चौरास का आदमखोर गुलदार, महिला को बना चुका था निवाला
Guldar Terror पौड़ी में रविवार शाम को घर की ओर आ रहे दो बच्चों ने शिकारी जाय हुकिल को बताया कि अभी थोड़ी देर पहले उन्होंने गुलदार को देखा है। इस पर जाय हुकिल तुरंत अपने सहयोगी भीम सिंह को साथ लेकर खेतों पर पहुंचे। गुलदार किसी और पर हमला करता इससे पहले ही जाय हुकिल ने उसके सिर पर गोली मारकर उसे ढेर कर दिया।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल। चौरास क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक गांवों की जनता के लिए आतंक बने गुलदार को शिकारी जाय हुकिल ने एक ही गोली में ढेर कर दिया। आदमखोर घोषित होने के 24 घंटे के भीतर ही जाय हुकिल ने रविवार शाम 5.50 बजे इस गुलदार को मार गिराया।
इसी गुलदार ने 11 अक्टूबर की सुबह गोरसाली के समीप 59 वर्षीय लक्ष्मी देवी को अपना निवाला बना लिया था। तभी से यह गुलदार क्षेत्र में बार-बार दिखाई दे रहा था, जिससे लोगों में दहशत बनी हुई थी। प्रसिद्ध शिकारी जाय हुकिल अपने सहयोगी भीम सिंह के साथ पिछले तीन दिन से इस गुलदार की तलाश में रेकी कर रहे थे।
बच्चों ने बताई गुलदार की लोकेशन
रविवार शाम को घर की ओर आ रहे दो बच्चों ने शिकारी जाय हुकिल को बताया कि अभी थोड़ी देर पहले उन्होंने गुलदार को देखा है। इस पर जाय हुकिल तुरंत अपने सहयोगी भीम सिंह को साथ लेकर गोरसाली से लगभग 250 मीटर दूर नई बस्ती नैथाणा के समीप निग्याणा पुल के ऊपर खेतों पर पहुंचे। इसी बीच, इस आदमखोर गुलदार को एक मकान की ओर जाते हुए देखा।
सिर पर गोली मारकर किया ढेर
गुलदार किसी और पर हमला करता, इससे पहले ही जाय हुकिल ने उसके सिर पर गोली मारकर उसे ढेर कर दिया। इससे पहले इस गुलदार को ट्रेंकुलाइजर से बेहोश करने का दो बार प्रयास किया, लेकिन यह भाग निकला। पिंजरे के पास भी इसे देखा गया, लेकिन वह कैद नहीं हुआ। लगभग सात साल के इस गुलदार को मादा बताया जा रहा है।
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अब तक 47 गुलदार मार चुके जाय हुकिल
प्रसिद्ध शिकारी पौड़ी निवासी जाय हुकिल अब तक 47 आदमखोर गुलदारों को मारकर जनता को उनसे निजात दिला चुके हैं। बीते तीन दिनों से वह वन विभाग कर्मी भीम सिंह के साथ इस आदमखोर गुलदार की तलाश में चौरास क्षेत्र के गोरसाली, मढ़ी, निग्याणा, नौर क्षेत्र में लगातार रेकी भी कर रहे थे।
वन विभाग ने की थी पकड़ने की कोशिश
शनिवार को वन विभाग ने इसे आदमखोर घोषित किया था। क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी भी इस आदमखोर से जनता को निजात दिलाने के लिए लगातार क्षेत्र में ही डटे हुए थे। इस आदमखोर मादा गुलदार को बेहोश कर पकड़ने का भी प्रयास किया, लेकिन वह हमेशा बच निकली। रविवार शाम शिकारी जाय हुकिल यदि इस गुलदार को गोली से ढेर नहीं करते, तो यह किसी और घटना को अंजाम दे सकती थी, क्योंकि यह खेतों से दबे पांव छिपते हुए एक मकान की ओर जा रही थी।
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