ममता बनी ढालः दरांती लेकर आदमखोर से भिड़ी मां, गुलदार के जबड़े से बेटी को खींच लाई
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के हलूणी गांव में एक मां ने अपनी जान पर खेलकर बेटी को गुलदार के हमले से बचाया। खेत में घास काट रही प्रिया पर गुलदार ने हमला कर दिया था। शोभा देवी नामक मां ने दरांती से गुलदार पर वार कर उसे भगा दिया। प्रिया घायल है पर सुरक्षित है। क्षेत्र में गुलदार के बढ़ते आतंक से ग्रामीण भयभीत हैं।

मनीष खुगशाल, जागरण, सतपुली (पौड़ी)। जब बात जिगर के टुकड़ों पर आती है तो मातृशक्ति असाधारण बन जाती है। ऐसा ही कुछ घटा रविवार सुबह पौड़ी जिले के पोखड़ा ब्लाक स्थित ग्राम हलूणी में, जहां गुलदार ने युवती पर हमला किया तो मां ढाल बन गई। गुलदार के पंजे में कैद बेटी को बचाने के लिए वह बिना वक्त गंवाए गुलदार से भिड़ गई।
खूंखार गुलदार की दहाड़ से जिगर कांप रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। जान की परवाह किए बिना उस पर दरांती से वार करती रही। आखिरकार गुलदार को युवती को पंजे की कैद से छोड़कर भागना पड़ा। इस संघर्ष में हाथ, पैर और पीठ पर गुलदार के पंजे लगने से युवती घायल जरूर हुई, लेकिन उसकी जान बच गई। गांव में हर कोई मां के इस साहस की प्रशंसा कर रहा है।
घटना सुबह करीब साढ़े नौ बजे की है। हलूणी निवासी शोभा देवी (55) और उनकी बेटी प्रिया नेगी (23) गांव से करीब 100 मीटर दूर खेतों में घास काटने गई थीं। इस दौरान पास की झाड़ियों में घात लगाए बैठे एक गुलदार ने प्रिया पर हमला कर दिया। अपने आगे के पंजों से गुलदार ने उसे दबोच लिया।
बेटी की चीख-पुकार सुनते ही करीब 20 मीटर दूर दूसरे खेत में घास काट रही शोभा देवी ने बेटी की ओर दौड़ लगा दी। जिस दरांती से वह घास काट रही थीं, उसी के सहारे गुलदार से भिड़ गईं। गुलदार ने शोभा देवी पर भी हमला करने का प्रयास किया, लेकिन वह उस पर दरांती से लगातार वार करती रहीं। शोभा देवी के साहस से कुछ ही सेकेंड में गुलदार पीछे हटने को मजबूर हो गया।
इसके बाद मां-बेटी गांव लौटीं और ग्रामीणों को पूरी घटना बताई। ग्रामीणों ने तत्काल प्रिया को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांवखाल पहुंचाया। अस्पताल की नर्सिंग आफिसर मीना ने बताया कि प्रिया के शरीर पर कई जगह गुलदार के नाखूनों के निशान हैं, लेकिन उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अस्पताल पहुंचकर घायल प्रिया का हाल जाना और वन विभाग के अधिकारियों को गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने के निर्देश दिए। एकेश्वर विकासखंड के ज्येठ उपप्रमुख मुकेश पांथरी ने बताया कि क्षेत्र में गुलदार की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं।
पोखड़ा ब्लाक के इन गांवों में भी गुलदार की दहशत
श्रीकोट, ल्यूंठा, लियाखाल, चोपड़ा, किमगडी, गवाणी, सलाण, झलपाणी, पालीधार और किलवास।
जिले में तीन माह में पांच मौत
पौड़ी जिले में पिछले तीन माह में गुलदार व बाघ के हमलों में पांच लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दस लोग घायल हुए। जून में एकेश्वर ब्लाक के ग्राम मुंडियाप में गुलदार ने एक ग्रामीण को निवाला बना लिया था। इसी माह द्वारीखाल के ग्राम हलसी में बाघ ने एक महिला को मार डाला। इसके बाद अगस्त में सतपुली मल्ली और सितंबर में श्रीकोट गांव में गुलदार ने एक-एक बच्चे को निवाला बनाया।
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