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    Ankita Bhandari Murder: हत्यारों के चेहरे पर नहीं दिखा पछतावा, लोगों की तरफ हिलाया हाथ और मुस्कराता रहा सौरभ

    Ankita Bhandari Murder Case अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई लेकिन उनके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं दिखा। सौरभ भास्कर न्यायालय से बाहर निकलने पर हंसता हुआ और हाथ हिलाकर अभिवादन करता दिखा। अदालत के भीतर और बाहर उनके व्यवहार में कोई अफसोस नजर नहीं आया पुलकित आर्य और सौरभ भास्कर के चेहरे पर भी सजा का कोई असर नहीं दिखा।

    By Ajay khantwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 31 May 2025 12:29 PM (IST)
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    Ankita Bhandari Murder Case: सजा पाने के बाद बाहर आकर लोगों की ओर हाथ हिलाता सौरभ। जागरण

    रोहित लखेड़ा, जागरण कोटद्वार। Ankita Bhandari Murder Case: आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद भी अंकिता भंडारी के हत्यारों के चेहरे पर पछतावा नहीं दिखा। न्यायालय के भीतर से लेकर बाहर तक, दोषियों को देखकर एक बार भी नहीं लगा कि उनको अपने किए पर जरा भी अफसोस है।

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    उल्टा उनकी शारीरिक भाषा से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो न्यायालय के निर्णय से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। न्यायालय से बाहर निकलने के बाद सौरभ भास्कर तो पुलिस वाहन में बैठने से पहले आमजन की तरफ हाथ हिलाकर अभिवादन करता और मुस्कराता नजर आया।

    अंकिता हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य को शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे पुलिस टीम भारी सुरक्षा के बीच अल्मोड़ा जेल से कोटद्वार स्थित न्यायालय परिसर लेकर आई। कुछ देर बाद टिहरी जेल में बंद सौरभ भास्कर को भी भारी सुरक्षा के बीच न्यायालय लाया गया।

    तीनों अंकिता भंडारी की हत्या में दोषी करार

    करीब साढ़े 10 बजे देहरादून जेल से पुलिस टीम अंकित गुप्ता को भी लेकर न्यायालय पहुंच गई। करीब 11 बजे तीनों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। अगले 15 मिनट में न्यायाधीश रीना नेगी ने तीनों को अंकिता भंडारी की हत्या में दोषी करार दिया।

    इसके बाद सजा को लेकर बहस हुई और बचाव पक्ष के अधिवक्ता जीतेंद्र रावत ने मामले में कम से कम सजा देने का अनुरोध किया। दोपहर करीब डेढ़ बजे न्यायालय ने तीनों को सजा सुनाई और तमाम कागजी कार्रवाई पूरी कर करीब एक घंटे बाद दोषियों को अदालत से बाहर लाया गया। इस दरमियान किसी भी पल दोषियों के चेहरे पर अपने दुष्कृत्य को लेकर पछतावा या दुख का भाव नहीं दिखा। उल्टे वह अकड़ में और हंसते-मुस्कराते दिखे।

    अदालत से बाहर आते हुए भी अंकित को छोड़ दें तो पुलकित व सौरभ भास्कर के चेहरे पर सजा को लेकर रत्तीभर शिकन नहीं दिखी। अदालत के गेट से बाहर निकलने पर सौरभ की नजर मीडिया व अन्य लोगों पर पड़ी तो वह हल्की हंसी के साथ उनकी ओर हाथ हिलाता नजर आया। पुलकित के चेहरे पर भी किसी तरह की चिंता या अफसोस के भाव नहीं थे।