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एक विवाह ऐसा भी: साढ़े तीन फीट का दुल्हा, दुल्हन छह इंच बड़ी

रिखणीखाल की एक शादी इन दिनों चर्चाओं में है। दरअसल शादी के पवित्र बंधन में बंधने वाला युवक साढ़े तीन फीट का है और उसकी दुल्हन उससे छह इंच बड़ी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 09:02 PM (IST)
एक विवाह ऐसा भी: साढ़े तीन फीट का दुल्हा, दुल्हन छह इंच बड़ी

कोटद्वार, जेएनएन। पौड़ी गढ़वाल जिले के रिखणीखाल की एक शादी इन दिनों चर्चाओं में है। दरअसल, शादी के पवित्र बंधन में बंधने वाला युवक साढ़े तीन फीट का है और उसकी दुल्हन उससे छह इंच बड़ी है। युवक के माता-पिता को उसके लिए लड़की ढूंढ़ने के लिए न सिर्फ कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, बल्कि एक वक्त ऐसा भी आया जब युवक को भी शादी की उम्मीद टूटती नजर आई। हालांकि, अब दुल्हन भी मिल गई है और दोनों ताड़केश्वर महादेव को साक्षी मान विवाह बंधन में बंध गए हैं।  

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कहते हैं कि की जोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं और सभी उस जीवन साथी को पा लेते हैं, जिसे ईश्वर ने उसके लिए नियत किया है। चौबीस वर्षीय अखिलेश बिष्ट के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। रिखणीखाल ब्लॉक के मैंदणी निवासी अखिलेश के पिता गिंदो सिंह बिष्ट सेना से बतौर सूबेदार सेवानिवृत्त हुए, जबकि उनकी माता गृहणी हैं। पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे अखिलेश का शारीरिक विकास अन्य बच्चों के समान नहीं हो पाया और बालिग होने तक उनका कद साढ़े तीन फीट ही बढ़ पाया। कद कम होने के कारण अखिलेश और माता-पिता को शादी की चिंता होने लगी। इधर, अखिलेश ने इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद क्षेत्र के एक होटल में नौकरी शुरू कर दी। 

बेटे की नौकरी लगी तो मां-बाप ने बेटे की शादी को दुल्हन की तलाश तेज कर दी। माता-पिता ही नहीं, तमाम नाते-रिश्तेदार भी लंबे समय से अखिलेश की दुल्हन तलाशने में जुटे रहे। काफी कोशिशों के बाद ब्लॉक के ही गजरजाल में अखिलेश की दुल्हन मिल गई। अखिलेश से करीब छह इंच बड़ी गजरजाल निवासी प्रफुल्ल चौधरी की बेटी किरन(20 वर्ष) ने शादी के लिए हामी भर दी, जिससे परिजनों के चेहरे खिल गए। 

इधर, दुल्हा-दुल्हन ने तय किया कि उनके विवाह में न तो मांस-मदिरा परोसा जाएगा और न ही कोई बाराती इन चीजों का सेवन कर विवाह समारोह में शामिल होगा। जिसके बाद ये भी तय हुआ कि विवाह समारोह ताड़केश्वर धाम में संपन्न कराया जाए। 12 मई को अखिलेश की बारात ताड़केश्वर धाम पहुंची, जहां भगवान के धूने के अग्निमंडप के फेरे लगाकर दोनों विवाह बंधन में बंध गए। सामाजिक कार्यकर्ता सादर सिंह नेगी ने कहा कि आस्था और विश्वास को बाबा ताड़केश्वर के दरबार में राह मिली है। 

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