Year Ender 2024 साल 2024 में उत्तराखंड में कई बड़ी घटनाएं हुईं जिनमें कई लोगों की जान चली गई। हल्द्वानी में दंगे मरचूला बस हादसा और भीमताल बस हादसा ऐसी ही कुछ घटनाएं हैं। इन घटनाओं से सबक लेकर लोगों को वाहनों की रफ्तार पर काबू करना होगा और पहाड़ों पर सफर के दौरान यातायात नियमों का पालन करना होगा।
दीप बेलवाल जागरण, हल्द्वानी। Year Ender 2024: वर्ष 2024 विदा होने में अब तीन दिन शेष हैं। यह साल कई परिवारों को ताउम्र न भूल पाने वाला दर्द दे गया। हल्द्वानी में दंगा हुआ। जिसमें 150 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी व मीडिया कर्मी चोटिल हुए। पांच लोगों की मौत हो गई थी।
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अल्मोड़ा जिले के मरचूला में प्राइवेट बस खाई में गिरने से 38 लोगों की मौत हो गई। जिन परिवारों ने अपनों को खोया वह आज भी इस हादसे का जिक्र होने पर सिहर उठते हैं। हो भी क्यों न हादसे में किसी मां ने अपना बेटा खोया तो किसी पत्नी की मांग से संदूर मिट गया।
अवैध मदरसा व नमाज स्थल को हटाने पर हुआ था बवाल
बात बनभूलपुरा दंगे की है। आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल को हटाने के लिए पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीमें बुलडोजर लेकर पहुंची थी। दिन ढलने को था। विरोध के स्वर तेज होते चले गए। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सभी टीमों को चारों ओर से घेर लिया।
छतों से पत्थर बरसने लगे। सड़क पर खड़े वाहनों को एक-एक कर आग के हवाले कर दिया गया। अधिकारी व कर्मचारी जान बचाकर भागने लगे। बवाल यहीं नहीं थमा। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को घेर लिया। पेट्रोल बम फेंककर थाने को फूंकने की कोशिश की। थाने की अंदर पुलिस कर्मी अपनी जान बचाने को गिडगिड़ा रहे थे।
इंटरनेट सेवाएं ठप करनी पड़ीं
थाने के बाहर खड़े पुलिस कर्मियों, मीडिया कर्मियों के वाहनों को फूंक दिया। इसके बाद शहर में घुसने का प्रयास किया। जिला प्रशासन की ओर से स्थिति को काबू में करने के लिए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश हुए। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा की अगुवाई में पुलिस टीम बनभूलपुरा में पहुंची। उपद्रव में पांच लोगों की जान चली गई। दंगे का दंश पूरे हल्द्वानी ने झेला। इंटरनेट सेवाएं ठप करनी पड़ीं। शहर के अलावा बनभूलपुरा में कर्फ्यू रहा। कई अन्य शहरों में भी इंटरनेट बंद हुआ।
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हादसे में 36 लोगों की हो गई थी मौत
छह महीने बाद पांच नवंबर को अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से खचाखच भरी बस अनियंत्रित होकर करीब 150 फुट गहरी खाई में गिर गई थी। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई।
भीषण बस हादसे के बाद मौके पर मंजर बेहद ही भयावह था। घटनास्थल पर शव बिखरे पड़े थे और इधर-उधर लहूलुहान हालत में घायल कराह रहे थे। इन्हें देखकर लोगों की रूह कांप उठी। सामान्यजन तो अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे वहीं कई अधिकारी भी रुआंसे नजर आए। हर कोई यही कह रहा था कि हे भगवान आखिर इतने बेकसूरों को किस बात की सजा दी।
भीमताल बस हादसे में पांच लोगों ने गंवाई जान
25 दिसंबर को पिथौरागढ़ से हल्द्वानी आ रही रोडवेज बस हादसा भी पांच परिवारों को जख्म दे गया। भीमताल के आमडाली के पास 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में पति-पत्नी समेत चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दमुवाढूंगा निवासी दीक्षा प्रकाश जो नर्सिंग कालेज पिथौरागढ़ की छात्रा थी। उसने 26 दिसंबर को एसटीएच में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। नए साल से पहले पांच घरों में मातम पसरा हुआ है।
इस साल सड़क हादसों से बुझे 401 घरों के चिराग
इस साल सड़क हादसों में 401 घरों के चिराग बुझ गए। हादसों का कारण बस खाई में गिरना, टक्कर व तेज रफ्तार रही। जनवरी से नवंबर तक कुमाऊं के छह जिलों में 555 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। जिसमें 401 लोगों की मौत हुई। सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं ऊधम सिंह नगर के बाद नैनीताल में हुई और सबसे कम सड़क दुर्घटनाएं बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले में हुई हैं।
सड़क हादसों की संख्या व मौतें
- जिला - हादसों की संख्या -मौत
- नैनीताल- 137 -108
- ऊधम सिंह नगर- 352 -226
- अल्मोड़ा -19 -44
- पिथौरागढ़ -22- 05
- चंपावत -20- 13
- बागेश्वर- 05- 05
वर्ष 2024 में कई बड़ी दुर्घटनाएं हुईं। जिसमें लोगों की मौतें हुईं। इन घटनाओं से सबक लेकर लोगों को वाहनों की रफ्तार पर काबू करना होगा। पहाड़ों पर सफर के दौरान यातायात नियमों का पालन करना होगा। पुलिस भी मजबूती से संग चेकिंग व कार्रवाई करेगी। - डा. योगेंद्र रावत, डीआइजी।
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