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    Nainital: पूर्व प्रेमी की हत्या में महिला व उसके प्रेमी को आजीवन कारावास, कोर्ट ने 20-20 हजार का जुर्माना लगाया

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 04:02 PM (IST)

    नैनीताल में जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की कोर्ट ने एक पूर्व प्रेमी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दोषी महिला और उसके प्रेमी को आजी ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल: जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की कोर्ट ने पूर्व प्रेमी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दोषी महिला व उसके प्रेमी को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रेमी को आमर्स एक्ट में भी तीन साल कठोर कारावास व 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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    अभियोजन के अनुसार यह सनसनीखेज घटना दो जनवरी 2020 को अपराह्न 2:30 बजे स्थान हेयर पिन बैंड के पास काठगोदाम-भीमताल रोड, चंदा देवी मंदिर के पास की है।

    अभियुक्त अमरीन जहां पत्नी मोहम्मद हनीफ निवासी-इंद्रानगर बड़ी मस्जिद के पास थाना बनभूलपुरा, जिला नैनीताल अपने पूर्व प्रेमी व सह-अभियुक्त राधेश्याम शुक्ला पुत्र सोहन सिंह निवासी कुल्यालपुरा वाल्मिकी कालोनी, नवाबी रोड, हल्द्वानी, जिला नैनीताल को साथ लेकर साजिश के तहत नाजिम की गोली मारकर हत्या कर दी।

    मृतक के भाई वाजिद अली खान पुत्र रियासत अली निवासी इंद्रानगर, वार्ड नंबर 21/23 हल्द्वानी की ओर से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें कहा कि अभियुक्त उसके भाई नाजिम को मारने की नियत से हल्द्वानी से अपने-अपने वाहनों में भीमताल घुमाने के बहाने ले गये।

    तीनों लोग जब हेयर पिन बेंड के पास काठगोदाम भीमताल रोड पर पहुंचे तो वहां पर घूमने के बहाने वाहन रोके और राधेश्याम ने अमरीन, नाजिम व अपनी फोटो भी खींची और मौका लगते ही अभियुक्त राधेश्याम ने तमंचे से नाजिम की गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से भाग गया। इसके बाद अभियुक्ता अमरीन ने मृतक के भाई को फोन से सूचना दी कि दुर्घटना हो गई है।

    कहा मैं नाजिम की दोस्त बोल रही हूं, उसको बृजलाल अस्पताल ला रहे है, अमरीन मृत अवस्था में नाजिम अली को किसी बोलेरो में बृजलाल अस्पताल ले गई, तब नाजिम के परिवारजन मौके पर पहुंच गए थे। डाक्टर ने बताया कि मृतक की गोली लगने से मृत्यु हो गई है। तभी अमरीन से भागने लगी, पुलिस ने उसे संदिग्ध मानते हुए हिरासत में ले लिया।

    जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने कोर्ट में तर्क दिया कि पुलिस ने अभियुक्त राधेश्याम को गिरफ्तार किया तो उसके पास से मोबाइल मिला। जिसमें घटना के समय खींची फोटो मिली। राधेश्याम की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त तमंचा, खोखा, कारतूस घटनास्थल के पास से बरामद कराया तथा घटना के समय पहने कपड़े खून आलूदा अपने घर से बरामद कराये।

    तत्कालीन थानाध्यक्ष व वर्तमान में गंगोलीहाट के कोतवाल कैलाश जोशी ने घटनास्थल से लिए खून के नमूने एवं शव विच्छेदन के दौरान मृतक ने जो कपड़े पहने थे, उन्हें व अभियुक्त राधेश्याम के कपड़ों को प्रयोगशाला भेजा, जिसकी पुष्टि हुई कि आरोपित के कपड़ों में मृतक का ही खून लगा है। मोबाइल के बारे में यह सिद्ध हुआ कि घटना के समय अभियुक्त राधेश्याम के मोबाइल से पांच फोटो खीची थी, जो मोबाइल में सुरक्षित थी। अभियुक्त अमरीन व राधेश्याम के विरुद्ध विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया।

    पुलिस पूछताछ में अमरीन ने बताया कि उसने व राधेश्याम ने मिलकर षड्यंत्र कर नाजिम को तमंचे से गोली मारकर हत्या की। इस पर पुलिस ने राधेश्याम को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने बताया कि नाजिम व अभियुक्त अमरीन के अवैध संबंध थे, नाजिम ने जब दूसरी लड़की से शादी कर ली थी। यह बात अमरीन को पसंद नहीं आई, क्योंकि नाजिम ने अमरीन से शादी करने की बात कही थी। जिस पर राधेश्याम व अमरीन द्वारा मिलकर नाजिम की हत्या का षड्यंत्र रचा।

    अभियोजन की ओर से पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा की ओर से अभियोजन तथ्यों को साबित करने के लिए 17 गवाह परीक्षित कराए तथा दोनों अभियुक्त व मृतक के संबंधित मोबाइल सिम की लोकेशन व सीडीआर सिद्ध करने को तीन नोडल अधिकारियों के बयान भी दर्ज कराए। जिससे साबित हुआ कि घटना के दिन अभियुक्त अमरीन व राधेश्याम की कई बार वार्ता हुई और मोबाइल फोन की लोकेशन हल्द्वानी, काठगोदाम व घटनास्थल पर पाई गई।

    पूर्व नियोजित थी हत्या

    नैनीताल: कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि हत्या पूर्व नियोजित और षड्यंत्रकारी थी। जिसे तैयारी के बाद अंजाम दिया गया। न्यायालय ने अपने निर्णय में कुरान शरीफ का जिक्र करते हुए यह कहा कि जो व्यक्ति किसी निर्दोष की हत्या करता है, उस पर यह माना जाता है कि उसने सारी इंसानियत का ही कत्ल कर दिया। साथ ही मनुस्मृति के चैप्टर नंबर-5 श्लोक 45 का उल्लेख करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपने स्वयं के स्वायं की पूर्ति के लिए किसी निर्दोष की हत्या करता है तो उस व्यक्ति को कभी भी अपने जीवन में खुशियों व शांति नहीं मिलेगी। कोर्ट ने मृतक के वारिस को उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना के अंतर्गत मुआवजा देने के भी आदेश किए हैं।