Corbett National Park में 15 मिनट से ज्यादा वन्यजीवों को निहारना मना, कइयों पर लग चुका है जुर्माना
Corbett National Park के वार्डन आरके तिवारी कहते हैं कि ज्यादा समय तक वन्य जीव को निहारने पर पर्यटकों की भीड़ रहती है। इससे वन्य जीव परेशान होता है। इसलिए 15 मिनट तय किया गया है। निगरानी के लिए सचल दल गश्त करता है।
त्रिलोक रावत, रामनगर : कार्बेट नेशनल पार्क में नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी है। वरना प्रबंधन बड़ा जुर्माना ठोंक सकता है। सफारी में बाघ, गुलदार, हाथी को 15 मिनट से ज्यादा निहारना मना हैं। नियमों तोड़ने पर जिप्सी और पर्यटकों के चालान कट जाते हैं।
कार्बेट पार्क में सफारी के दौरान पर्यटकों की वजह से वन्य जीव परेशान न हो। इसके लिए किसी भी जोन में वन्य जीव को देखने के लिए पर्यटक 15 मिनट से ज्यादा नहीं रूक सकते हैं। इसका पालन कराने के लिए पर्यटकों के साथ अनिवार्य रूप से गाइड जाते हैं।
सुबह व शाम हर जोन में सफारी के समय विभागीय सचल दल भी गश्त करता रहता है। 15 मिनट से ज्यादा वन्य जीव के समक्ष जिप्सी रूकने पर विभाग एक सप्ताह के लिए जिप्सी बैन कर देता है। साथ ही पर्यटक यदि वन्य जीव को खाद्य सामग्री खिलाते, उसे छेड़ते या कूड़ा फेंकते हुए पाए जाते तो जुर्माना लिया जाता है।
कार्बेट पार्क के वार्डन आरके तिवारी कहते हैं कि ज्यादा समय तक वन्य जीव को निहारने पर पर्यटकों की भीड़ रहती है। इससे वन्य जीव परेशान होता है। इसलिए 15 मिनट तय किया गया है। निगरानी के लिए सचल दल गश्त करता है। जिप्सी को सात दिन बैन करने व पर्यटकों से पांच हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जा सकता है। अब तक जिप्सी व पर्यटकों पर कार्रवाई हुई है।
ये भी हैं पार्क के नियम
- पर्यटकों के वाहनों के बीच 50 मीटर की दूरी जरूरी।
- जंगल में वाहन की गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा।
- कोई भी आग्नेय शस्त्र ले जाना मना है।
- सूर्यास्त के बाद जिप्सी सफारी प्रतिबंध।
- वन्य जीवों को कुछ भी खिलाना मना है।
- जंगल क्षेत्र में कूड़ा डालना प्रतिबंधित।
- जंगल से वाहन से नीचे उतरने पर प्रतिबंध।
- जानवरों के पार करने के दौरान बाधा नहीं डालेंगे।
- गाड़ी का हार्न व संगीत पूरी तरह प्रतिबंधित।
- वन क्षेत्र में धूम्रपान पूरी तरह प्रतिबंध।
अगले सत्र से वाहन में लगेगा जीपीएस
पार्क वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि जिप्सियों की निगरानी अभी तक मैनुअल होती है। अगले पर्यटन सत्र से पर्यटकों को सफारी कराने वाली जिप्सियों में जीपीएस लगाया जाएगा। जीपीएस से जिप्सियों की निगरानी हो सकेगी।
2015-16 से 2021-22 तक जिप्सी व पर्यटकों पर कार्रवाई
बिजरानी में 36 मामले
सर्पदुली में 16 मामले
ढिकाला में 01 मामले
ढेला में 06 मामले
झिरना में 12 मामले
कालागढ़ में 01 मामले