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    जहां किशाेरी और महिला का शव मिला वहां दूर-दूर तक रहता है सन्‍नाटा

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 22 Jan 2019 07:40 PM (IST)

    धारी ब्‍लॉक में जहां किशोरी और महिला का शव बरामद हुआ वहां सुनसान सड़क, चारों तरफ सन्नाटा दूर-दूर तक तक कोई आवाज नहीं थी ।

    जहां किशाेरी और महिला का शव मिला वहां दूर-दूर तक रहता है सन्‍नाटा

    भीमताल, जेएनएन : धारी ब्‍लॉक में जहां किशोरी और महिला का शव बरामद हुआ वहां सुनसान सड़क, चारों तरफ सन्नाटा दूर-दूर तक तक कोई आवाज नहीं थी । आबादी वाले क्षेत्र से करीब तीन किलोमीटर और मोटर मार्ग से छह किलोमीटर दूर इस जगह का हत्यारों ने पूरा फायदा उठाया। शवों की हालत देखकर साफ जाहिर हो रहा है कि दोनों की हत्या कर शव खाई में फेंके गए हैं। महिला व किशोरी के शवों को हत्यारों ने बुरी तरह से क्षत-विक्षत किया है, ताकि उनकी शिनाख्त न हो सके। घटना के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि दोनों इन गांवों के नहीं होने के बाद भी इतने सुनसान जगह पर कैसे पहुंचे। आसपास के ग्रामीणों से जब उनकी पहचान करने को कहा तो सभी ने नकार दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर लोग आसपास के लोगों से परिचित होते हैं, ऐसी घटना होने पर तत्काल पता भी लग जाता है।

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    राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक दोनों घास लेने गई होंगी, जबकि स्थानीय महिलाओं का कहना है कि यहां पर सिर्फ आसपास के गांवों की महिलाएं ही घास लेने जाती हैं, यदि यह दोनों यहां की होती तो इनकी पहचान हो जाती। इसमें सवाल यह भी उठता है कि यदि दोनों घास लेने गई भी होती तो उनके पास दरांती और घास काटने की अन्य सामग्री भी होती, लेकिन शवों के आसपास कोई ऐसी चीज नहीं मिली और कपड़ों से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह घास काटने नहीं गई थी। दूसरा सवाल यह भी उठता है कि घास काटने के दौरान वह गिरी तो उसके शरीर से कपड़े कैसे हटे । आसपास के लोगों से जब इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने राजस्व विभाग के इस बयान को नकार दिया। महिला और किशोरी इस क्षेत्र की नहीं हैं, बल्कि उनकी कहीं और से यहां लाकर हत्या की गई है। मौके पर हालात देखकर यह भी स्पष्ट हो रहा है कि वहां पर आपसी संघर्ष भी हुआ है। महिलाओं ने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया होगा, लेकिन कातिलों के आगे वह विफल रहीं।

    खून बहना ताजा घटना का संकेत

    मौके पर दोनों के सिर से खून बह रहा था। इससे यह भी साबित हो रहा है कि घटना ताजा है। कातिल दो हत्याएं करके फरार हो गए, लेकिन इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। इस जंगल के लिए कोई रास्ता नहीं है, लेकिन चांफी, अलचौना होते हुए यहां पहुंचने के लिए लगभग नौ किलोमीटर का मार्ग है और सरना से खनड़खा और खनड़खा से देवनगर से लगभग छह किलोमीटर है जबकि पलड़ा से इसकी दूरी आठ किलोमीटर पैदल है। हालांकि राजस्व पुलिस ने तीनों सभी गांवों के लोगों से पूछताछ की, लेकिन कोई पहचान नहीं पाया। दोनों को यहां तक बहला-फुसलाकर ले जाने के बाद हत्या का अंदेशा हर ग्रामीण को हो रहा है। महिलाएं ग्रामीण परिवेश की और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, यह उनके पहनावे और शरीर के ढांचे से यह अंदाजा लग रहा है।

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