नैनीताल जिला पंचायत चुनाव अपहरण: राज्य सरकार ने कहा- 'बवाल के दौरान क्या कर रहे थे यशपाल, भुवन, सुमित व लाखन? जांच हो'
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में अपहरण के मामले में राज्य सरकार ने यशपाल, भुवन, सुमित व लाखन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने पूछा कि बवाल के दौरान ...और पढ़ें

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य। आर्काइव
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान से पहले बवाल व पांच जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण के साथ ही फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर स्वतः संज्ञान लेती जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट इस मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगा।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया घटना के बाद पुलिस ने आधा दर्जन मुकदमे दर्ज किए हैं। जिनकी जांच अलग अलग चल रही है। इस वजह से जांच में विलंब हो रहा है, सरकार की ओर से इसलिए सभी मुकदमों की एक साथ जांच कराने के आदेश पारित करने का आग्रह किया, साथ ही सरकार की तरफ सवाल उठाया गया कि नैनीताल की माल रोड में घटना के समय नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, पूर्व विधायक संजीव आर्य, विधायक सुमित हृदयेश तथा पूर्व ब्लाक प्रमुख लाखन सिंह मौजूद थे, वह वहां पर क्या कर रहे थे, इसकी जांच कराई जाए।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में पांचों जिला पंचायत सदस्य क्रमश: प्रमोद कोटलिया, डिकर मेवाड़ी, दीप बिष्ट, तरुण शर्मा व विपिन जंतवाल व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए।
दरअसल हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को नैनीताल के जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान सदस्यों के कथित अपहरण से संबंधित घटना का स्वत: संज्ञान लिया था। जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी पुष्पा नेगी ने याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक एक को 2 कर अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में फिर से चुनाव कराने की प्रार्थना की है।

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