New Year Celebration 2021 : पर्यटकों को मुग्ध कर देता है मुक्तेश्वर का सूर्योदय और सूर्यास्त...हिमपात के भी आसार
New Year Celebration 2021 कोरोना संक्रमण के बावजूद उत्तराखंड में नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों का आना जारी है। कुमाऊं में नैनीताल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर भीमताल मुनस्यारी व अन्य पर्यटन स्थालों के होटल और रिसॉर्ट तकरीबन पैक हो चुके हैं।

नैनीताल, जागरण संवाददाता : कोरोना संक्रमण के बावजूद उत्तराखंड में नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों का आना जारी है। कुमाऊं में नैनीताल, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर, भीमताल, मुनस्यारी व अन्य पर्यटन स्थालों के होटल और रिसॉर्ट तकरीबन पैक हो चुके हैं। नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। जहां से हिमालय की खबसूरती को करीब से निहारा जा सकता है। पहली जनवरी से लेकर चार-पांच जनवरी तक यहां मौसम विभाग ने हिमपात के भी आसार जताए हैं। मुक्तेश्वर में पर्यटकों के रुकने के लिए एक से बढ़कर एक रिसाॅर्ट हैं।
नैनीताल से मुक्तेश्वर का सफर बेहद खूबसूरत है। यहां की शुद्ध हवा, प्रकृति का नैसर्गिक सौंदर्य पर्यटकों को मुग्ध कर देता है। यहीं से भारत की दूसरा सबसे ऊंचा चोटी नंदा देवी दिखाई देती है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त देखना अद्भुत होता है। सैलानी उगते -डूबते सूरज और नंदा देवी शिखर के साथ इसे देखने के लिए घंटों खड़े रहते हैं। आप आप मुक्तेश्वर जाएंग तो सूर्योस्त और सूर्योदय के नजारों को जरूर देखें। यहां से फोटोग्राफी करने का भी अपना ही मजा है।
पिलेश्वर मंदिर
मुक्तेश्वर से नौ किमी दूर है भगवान शिव को समर्पित पिपलेश्वर मंदिर। यहां पहुंचने के लिए आ नौ किमी की पहाड़ी पैदल चलनी पड़ती है। सड़क मार्ग से भी यहां पहुंचा जा सकता है। पहाड़ियों के बीच से होकर गजरने पर यहां का मनोरम दृश्य पर्यटकों को भा जाता है।
भालूगाड़ का झरना
मुक्तेश्वर से कुछ ही दूरी पर पहाड़ी पर स्थित है भालूगाड़ का झरना। मुक्तेश्वर आने वाले पर्यटकों इसके बारे में अवगत न होने के कारण अक्सर यहां पहुंच नहीं पाते हैं। मुक्तेश्वर से धारी गांव के बीच करीब सात किलोमीटर का सफर तय हर पर्यटक यहां पहुंचे सकते हैं। घने जंगलों के बीच स्थित इस झरने तक पहुंचे के लिए थोड़ा पैदल भी चलना पड़ता है।
चॉली की जाली
मुक्तेश्वर में ही स्थित है चॉली की जाली। यहां से सीधे नीचे गहरी खाई है और सामने से हिमालय की खूबसूरती को निहारा जा सकता है। चॉली की जाली में हिंदू श्रद्धालुओं की अगाध आस्था है। महाशिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। यहां रॉक क्लाइम्बिंग, जिप-लाइनिंग और रैपलिंग जैसे अडवेंचर स्पोर्ट्स भी होते हैं।
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