Haldwani में कचरे का पहाड़ कम हो रहा, लेकिन खत्म होना मुश्किल; एनटीपीसी को कैसे देंगे जमीन?
हल्द्वानी के ट्रंचिंग ग्राउंड में कचरे की समस्या जटिल है। लीगेसी प्लांट लगने के बावजूद वेस्ट टू चारकोल प्लांट के लिए भूमि की कमी है। हर दिन 207 मीट्रिक टन नया कचरा आ रहा है जिससे समस्या और बढ़ रही है। निगम को नए कूड़े के लिए भूमि खोजनी होगी या निकायों को जिम्मेदारी देनी होगी तभी एनटीपीसी प्लांट शुरू कर पाएगा।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। गौला बाईपास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में 7.88 करोड़ रुपये खर्च कर पुराने कूड़े के निस्तारण को लेकर लीगेसी प्लांट स्थापित होने के बाद से नगर निगम ये मान रहा है कि भविष्य में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को यहां कचरे का पहाड़ नजर नहीं आएगा।
आगे नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की मदद से यहां वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगने पर ये संकट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। लेकिन कचरे के गणित पर नजर डाले तो ये साफ है कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी हजारों मीट्रिक टन कूड़ा यहां बरकरार रहेगा। ऐसे में वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगना भी मुश्किल है। क्योंकि, एनटीपीसी को चाहिए दस एकड़ खाली जमीन और ट्रंचिंग ग्राउंड का कुल क्षेत्रफल ही इतना है।
बाईपास स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में हल्द्वानी नगर निगम के अलावा नैनीताल, भवाली, भीमताल, लालकुआं निकाय क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों का कचरा भी पहुंचता है। कूड़े का पहाड़ बनने की वजह से गर्मियों में यहां आग लगने की वजह से हाईवे से लेकर आबादी क्षेत्र तक जहरीला धुआं फैलने लगता है। जबकि मानसून में बदबू की वजह से निकलना मुश्किल हो जाता है। वहीं, दस एकड़ भूमि पर पहले से मौजूद 1.39 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे के निस्तारण को लेकर निगम ने 7.88 करोड़ का टेंडर कर 17 अप्रैल से निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंप दी थी। छह माह के अंदर कंपनी को काम पूरा करना होगा।
दूसरी तरफ निगम प्रशासन का कहना है कि भारी मात्रा में कचरे का निस्तारण होने पर यहां एनटीपीसी के माध्यम से वेस्ट टू चारकोल प्लांट का काम चालू करवाया जाएगा। इससे ट्रंचिंग ग्राउंड की समस्या का पूरी तरह से समाधान भी हो जाएगा। लेकिन निगम की इस योजना का भविष्य में धरातल पर नजर आना मुश्किल लग रहा है। दरअसल, ट्रंचिंग ग्राउंड में हर दिन 207 मीट्रिक टन नया कचरा पहुंचता है। छह माह में 180 दिन के हिसाब से जोड़े तो कचरे की ये मात्रा 37260 मीट्रिक टन पहुंच जाएगी। यानी करोड़ों खर्च होने के बाद भी एनटीपीसी के लिए ट्रंचिंग ग्राउंड की पूरी भूमि खाली नहीं हो सकती। वेस्ट चारकोल प्लांट की मदद से कचरे को कोयले में बदला जाता है।
नई भूमि ढूंढने और जिम्मेदारी बांटने पर समाधान
ट्रंचिंग ग्राउंड में हर दिन हल्द्वानी निगम क्षेत्र से 152 मीट्रिक टन और नैनीताल, भवाली, भीमताल, लालकुआं निकाय क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से 55 मीट्रिक टन कूड़ा पहुंचता है। वेस्ट टू चारकोल प्लांट का काम तभी शुरू हो सकता है जब निगम नए कूड़े को डंप करने के लिए दूसरी भूमि की खोज ले। या फिर नए प्लांट का काम पूरा होने तक सभी निकायों को अपने-अपने कचरे को रखने की जिम्म्मेदारी सौंपी जाए।
एनटीपीसी का कहना है कि दस एकड़ खाली भूमि उपलब्ध होने पर ही काम शुरू होगा। जबकि 207 मीट्रिक टन नया कूड़ा रोजाना यहां पहुंच रहा है। समस्या के समाधान को गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करने के बाद ही घरों से उठान को लेकर लोगों को जागरूक करेंगे। इसके अलावा अन्य निकायों से भी इस संबंध में वार्ता की जाएगी। -डा. मनोज कांडपाल, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी
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