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    Vijayadashami 2022 : मैसूर, कुल्लू मनाली की तरह खास है अल्मोड़ा का दशहरा, रावण कुल के फूंके जाएंगे 22 पुतले

    By Jagran NewsEdited By: Skand Shukla
    Updated: Tue, 04 Oct 2022 04:46 PM (IST)

    Vijayadashami 2022 भारत के सभी हिस्सों में दशहरा पर्व पर रावण के साथ कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतलों का दहन करने की परंपरा है। लेकिन अल्मोड़ा में रावण कुल के पुतलों को फूंकने की परंपरा है। यहां के लोगों ने इस विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखा है।

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    Vijayadashami 2022 : विजयादशमी कल, दशहरा पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह

    जागरण संवाददाता, अल्‍मोड़ा : Vijayadashami 2022 : भारत के सभी हिस्सों में दशहरा पर्व पर रावण के साथ कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतलों का दहन करने की परंपरा है। लेकिन अल्मोड़ा में रावण कुल के पुतलों को फूंकने की परंपरा है। यहां के लोगों ने इस विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखा है। दशहरा पर्व में ऐसी ही परंपरा मैसूर और कुल्लू मनाली की भी है।

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    बीते 50 वर्षों से अधिक समय से लोगों ने अपनी विरासत को सहेज कर रखा हुआ है। दूर-दूर से लोग दशहरा महोत्सव को देखने के लिए अल्मोड़ा पहुंचते है। विदेशी भी इसके खासे मुरीद है। दशहरा पर्व को लेकर मुख्यालय में खासा उत्सा है। इस बार रावण कुल के 22 पुतले बनाए गए हैं। यह पुतले मुख्यालय के विभिन्न मोहल्लों में बनाए गए है।

    पुतलों के निर्माण के लिए सभी स्थानीय चीजों का प्रयोग किया जाता है। इसको बनाने वाले कारीगर स्थानीय है। यह वर्षों से पुतले बना रहे है इसलिए इस कला में काफी निपुण हो गए है। पुतलों के निर्माण में करीब 10 दिन का समय लग जाता है।

    एक पुतले का निर्माण करने में पांच से छह हजार रुपए का खर्च आता है। पैसे की व्यवस्था यह लोग अपने मोहल्ले से ही करते है। लोग भी इनकी कला को प्रोत्साहित करने के लिए चंदा देते है। रावण कुल के पुतलों का दहन जुलूस के साथ स्थानीय हेमवती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में होता है।

    कभी 36 तक हुआ करते थे पुतले

    दशहरा पर्व पर कभी अल्मोड़ा में रावण कुल के 36 पुतले तक बनाए जाते थे। लेकिन कोरोना महामारी के बाद इसमें भी इसका असर पड़ा। इस वर्ष 22 पुतले बनाए गए हैं। आने वाले समय में इसकी संख्या बढ़ने की संभावना है।

    इस बार बनाए गए पुतले

    रावण, मेघनाथ, त्रिसरा, धूमराक्ष, लवणासुर, ज्वालासुर, कालकासुर, दूषण, प्रहस्त, देवांत, अक्षयकुमार, ताड़िका, अंतकासुर, शुंभासुर, मारीच, मकड़ासुर, कुंड, खर, मायांतक, मायासुर, अतिकाय, वीरत,

    तैयारी पूरी भव्य होगा आयोजन

    दशहरा महोत्सव समिति, अल्मोड़ा के अध्यक्ष अजीत कार्की ने बताया कि दूर-दूर से लोग दशहरा महोत्सव को देखने के लिए आते है। यहां के लोगों पर अपनी विरासत को बचाए रखा है। आने वाले वर्षों में इस और भव्य रूप दिया जाएगा।

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