Uttarakhand Weather Update: इस वर्ष मई में मेघ मेहरबान... लू 'लापता', अभी और बरसेंगे बदरा
Uttarakhand Weather Update मई माह का जिक्र आते ही प्रचंड गर्मी और लू के थपेड़ों की कल्पना होती है मगर इस वर्ष ऐसा नहीं है। प्रदेश में इस महीने सामान्य से 49 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है।
जासं, हल्द्वानी : Uttarakhand Weather Update: मई माह का जिक्र आते ही प्रचंड गर्मी और लू के थपेड़ों की कल्पना होती है, मगर इस वर्ष ऐसा नहीं है। माह विदाई की ओर अग्रसर है और लू लापता है।
मेघों के मेहरबान होने से समय-समय पर वर्षा होती रही है। प्रदेश में इस महीने सामान्य से 49 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। मौसम के ऐसे मिजाज की वजह से तपिश का अहसास भी अन्य वर्षों की अपेक्षा कम हो रहा है।
इस माह अभी तक 87.0 एमएम वर्षा
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में 28 मई तक 58.4 मिलीमीटर सामान्य वर्षा होती है, लेकिन इस माह अभी तक 87.0 एमएम वर्षा हो चुकी है। पिथौरागढ़ जनपद को छोड़ सभी जिलों में अच्छी वर्षा हुई है। सामान्य से अधिक वर्षा की बात करें तो सबसे अधिक बारिश हरिद्वार जिले में हुई है। दूसरे स्थान पर ऊधमसिंह नगर और तीसरे स्थान पर चंपावत है।
बुधवार तक वर्षा का क्रम बने रहने की संभावना
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से जारी मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के विभिन्न स्थान में बुधवार तक वर्षा का क्रम बने रहने की संभावना है। वहीं जून की शुरुआत भी बौछारों के साथ हो सकती है।
प्रदेश में जनपदवार वर्षा की स्थिति
- जनपद - सामान्य वर्षा - वास्तविक वर्षा
- अल्मोड़ा - 44.9 - 64.9
- बागेश्वर - 44.9 - 69.7
- चमोली - 60.3 - 65.9
- चम्पावत - 45.3 - 102.7
- देहरादून - 52.5 - 89.6
- पौड़ी - 30.9 - 49.3
- टिहरी - 95.2 - 46.4
- हरिद्वार - 25.3 - 104.1
- नैनीताल - 62.6 - 111.0
- पिथौरागढ़ - 102.8 - 96.3
- रुद्रप्रयाग - 93.5 - 120.3
- ऊधमसिंह नगर - 33.8 - 78.9
- उत्तरकाशी - 61.9 - 103.2 (स्रोत: मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट)
लिपुलेख मार्ग खुलते ही फिर हुआ बंद
बुधवार की रात्रि लखनपुर के पास बंद चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग के शनिवार शाम खुलते ही फिर बंद होने से आदि कैलास यात्रियों सहित कई लोगों को फजीहत झेलनी पड़ी। आदि कैलास दर्शन कर लौट रहे 66 आदि कैलास यात्री रात्रि एक बजे धारचूला पहुंचे। एलागाड़ के पास बारूदी विस्फोट के चलते गिरे बोल्डरों में जान हथेली पर रखकर चलते हुए यात्री धारचूला पहुंचे।
रविवार फिर लिपुलेख मार्ग खुलने के बाद धारचूला में फंसे सभी यात्री उच्च हिमालय को रवाना हो सके हैं। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग बुधवार की रात्रि को नजंग लखनपुर के पास भारी मलबा आने से बंद हो गया था। मार्ग बंद होने के कारण इस मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई थी। इस दौरान आदि कैलास यात्रा में गए केएमवीएन के सातवें दल के 34 यात्री और निजी टूर आपरेटर के तत्वावधान में गए 32 यात्री आदि कैलास के दर्शन कर वापसी में बूंदी में फंसे थे।
मार्ग बंद होने के कारण गुरुवार को राज्यपाल के कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी सहित पूरा प्रशासनिक अमला भी गुंजी नहीं जा सका था। शनिवार की शाम लखनपुर के पास मार्ग खुला, एकाध मोटर साइकिल पार हुई फिर से मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। मार्ग खुलने की सूचना मिलते ही बूंदी में फंसे 66 आदि कैलास यात्री भी धारचूला को रवाना हुए, परंतु तब तक लखनपुर में फिर मार्ग बंद हो गया। स्थिति की नजाकत को देखते हुए केएमवीएन के यात्राधिकारी डीएस बिष्ट निगम कर्मी मन्नू महरा के साथ लखनपुर के पास पहुंचे। निजी टूर आपरेटर अश्विनी नपलच्याल भी मौके पर मौजूद रहे।
देर शाम होने से बड़ी मुश्किल से यात्रियों को लखनपुर पर मलबे से पैदल चलकर दूसरी तरफ लाया गया। इसी बीच मार्ग चौड़ीकरण के लिए गर्बाधार के पास बारूदी विस्फोट किए जाने से आए मलबे से मार्ग बंद था। यात्री तीन किमी पैदल चल कर यहां पहुंचे थे। मार्ग पर विशाल बोल्डर आए थे। देर रात्रि को यात्राधिकारी, निगम कर्मियों व टूर आपरेटरों द्वारा बोल्डरों के ऊपर से एक-एक कर दूसरी तरफ लाया गया। तब जाकर गर्बाधार से धारचूला तक यात्री वाहन से मध्य रात्रि के बाद धारचूला पहुंचे।
बुधवार रात्रि से बंद मार्ग रविवार की पूर्वांह 11 बजे पूरी तरह खुल सका। मार्ग खुलने के बाद धारचूला में फंसे आदि कैलास यात्री गुंजी को रवाना हुए। वहीं शनिवार देर रात्रि धारचूला पहुंचे यात्री धारचूला से डीडीहाट को रवाना हुए हैं। इसके अलावा अन्य फंसे लोग उच्च हिमालय से धारचूला लौट रहे हैं। रविवार अपराह्न तक आदि कैलास जाने के लिए 36 से अधिक यात्री धारचूला पहुंच चुके हैं।