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    उत्तराखंड में परिवहन विभाग नहीं, पोर्टल मांग रहा वाहनों की जानकारी; एजेंट उठा रहे फायदा

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 05:02 PM (IST)

    उत्तराखंड में परिवहन विभाग की जगह एक पोर्टल वाहनों की जानकारी मांग रहा है, जिससे एजेंट फायदा उठा रहे हैं। इस स्थिति से जनता में भ्रम है और परिवहन विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। एजेंट इस मौके का फायदा उठाकर लोगों को परेशान कर रहे हैं।

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    कमर्शियल वाहनों के चालकों के लाइसेंस में हिल एंडोर्समेंट का मामला। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। परिवहन विभाग का कहना है कि कमर्शियल वाहनों के चालकों के पर्वतीय क्षेत्रों में गाड़ी चलाने को लेकर जरूरी हिल एंडोर्समेंट (पर्वतीय मार्ग पर वाहन चलाने की अनुमति) को लेकर किसी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। आनलाइन आवेदन के बाद विभाग के तकनीकी अधिकारी ही प्रक्रिया को पूरा करवाते हैं। लेकिन एक अधिकृत मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालक ने मामले को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। उसका कहना है कि आरटीओ से जुड़े बाहरी एजेंट और कामन सर्विस सेंटर के संचालक उसके संस्थान के नाम का फर्जी इस्तेमाल कर रहे हैं। जांच की मांग को लेकर जिला प्रशासन को पत्र भी सौंपा है।

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    मैदानी सड़कों के मुकाबले पर्वतीय क्षेत्र के मार्ग कम चौड़े और ज्यादा तीखे मोड़ वाले होते हैं। इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बेहद जरूरी है। नियमानुसार पर्वतीय क्षेत्र में कमर्शियल वाहन चलाने वाले चालक के लाइसेंस में हिल दक्षता को भी जोड़नी होती है। आरटीओ अरविंद पांडेय के अनुसार आनलाइन आवेदन करने के बाद तकनीकी अधिकारी चालक का टेस्ट लेकर इस काम को करते हैं। प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। लेकिन हिल एंडोर्समेंट के लिए आनलाइन आवेदन करते समय किस मोटर ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण लिया गया है। पोर्टल में इस संबंध में भी पूछा जा रहा है।

    फर्जीवाड़े की आशंका वजह भी यहीं है। बरेली रोड स्थित कुमाऊं मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के प्रबंधक गोपाल सिंह रावत के अनुसार उन्हें कुछ लोगों ने बताया कि कई चालकों ने हिल एंडोर्समेंट को लेकर आनलाइन आवेदन करते समय पोर्टल में उनके संस्थान से प्रशिक्षण लेने की बात कही है। जबकि लंबे समय से उन्होंने कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया। उन्हें पूरी आशंका है कि परिवहन विभाग के कामों के नाम पर सुविधा शुल्क वसूलने वाले बाहरी एजेंट और सीएससी के संचालक यह गलत काम कर रहे हैं। लिहाजा, मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

    आरटीओ बोले, एनआइसी को भेजा जाएगा पत्र

    पूरे मामले को लेकर आरटीओ अरविंद पाडेय का कहना था कि परिवहन विभाग को हिल एंडोर्समेंट के काम के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। लेकिन पोर्टल में इस जानकारी को मांगा गया है। इसलिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र यानी एनआइसी को पत्र भेज पोर्टल से इस शर्त को हटवाने के लिए पत्र भेजा जाएगा। इसके अलावा ट्रेनिंग स्कूल संचालक की शिकायत को लेकर भी जांच कराई जाएगी।