Nainital: जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में निषेधाज्ञा लागू, फिर भी कानून व्यवस्था तार-तार
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गईं। धारा 163 लागू होने के बावजूद सदस्यों का अपहरण हुआ और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। नेता प्रतिपक्ष और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। सुरक्षा में चूक के कारण अपहरणकर्ता बैरिकेडिंग पार करने में सफल रहे। रेनकोट पहने और तलवारों से लैस कुछ लोगों ने सदस्यों को अगवा कर लिया जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नैनीताल । जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में कानून व्यवस्था तार-तार हो गई। चुनाव को लेकर धारा-163 लागू होने के बावजूद जो हुआ, इससे पहले नैनीताल में हुए चुनावों में कभी किसी ने नहीं देखा।
पुलिस की मौजूदगी में मतदान को जा रहे सदस्यों का अपहरण, नेता प्रतिपक्ष व तमाम कार्यकर्ताओं से मारपीट, अपहरण के बाद चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा वाहनों को न रोकना पुलिस पर कई सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
गुरुवार को तय समय पर जिला पंचायत कार्यालय में मतदान शुरू हो गया था। सुरक्षा की दृष्टि से एक दिन पूर्व ही मजिस्ट्रेट ने निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। सुबह से ही जिला पंचायत कार्यालय से तल्लीताल तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। जिला पंचायत कार्यालय से मालरोड तक चार स्थानों पर बैरिकेडिंग कर चेकपोस्ट बनाकर भारी फोर्स तैनात किया गया था।
सदस्यों के मतदान को आने का क्रम शुरू हुआ तो करीब दस बजे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व विधायक संजीव आर्य, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश तमाम जिला पंचायत सदस्यों के साथ मतदान केंद्र की ओर जा रहे थे। सभी लोग जिला पंचायत कार्यालय को जाने वाली रोड के समीप की गई बैरिकेडिंग पर रुके ही थे कि अचानक कई युवक सदस्यों पर टूट पड़े।
पुलिस की मौजूदगी में पांच सदस्यों को खींचकर जबरन नीचे की ओर ले गए, मगर पुलिस बीच बचाव व उन्हें छुड़ाने के बजाय मूकदर्शक बन देखती रही। सदस्यों को जबरन सौ मीटर नीचे मालरोड तक खींच कर लाने के बाद वाहन में बिठाकर लोग तल्लीताल की ओर भाग गए। घटना के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोग भी पुलिस की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे है।
बैरिकेडिंग पार कर कैसे पहुंचे ऊपर
चुनाव को लेकर तल्लीताल से जिला पंचायत कार्यालय तक चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात थी। जिला पंचायत कार्यालय से मालरोड तक ही चार स्थानों पर बैरिकेडिंग कर चेक पोस्ट बनाई गई थी। जहां से आम जनता तक को जिला पंचायत की ओर जाने की अनुमति नहीं थी। ऐसे में सवाल यह कि पुलिस का घेरा पार कर अगवा करने वाले लोग कैसे जिला पंचायत कार्यालय से महज 50 मीटर की दूरी तक पहुंचने में कामयाब हुए। इससे बढ़कर यह कि पुलिस के सामने ही सदस्यों को लेकर अगवा करने वालों ने पुलिस की दो बैरिकेडिंग पार कर दी।
नीले व हरे रंग के रेनकोट में थे अगवा करने वाले लोग
मतदान के दिन हो रही मूसलधार वर्षा सदस्यों को अगवा करने वालों के लिए सहायक साबित हुई। सभी लोग हरे व पीले रेनकोट पहने हुए थे। छाताओं से पूरा क्षेत्र कवर होने के कारण अगवा करने वालों के चेहरे भी सीसीटीवी में कैद नहीं हो सके।
सदस्यों को लेकर स्कार्पियो में हुए फरार
सदस्यों को जबरन घसीटकर मालरोड तक लाने के बाद मालरोड में पार्क स्कार्पियों वाहन में बिठाया गया। जिसके बाद अगवा करने वाले लोग वाहन लेकर तल्लीताल की ओर फरार हो गए। वहीं क्षेत्र स्थित घर से मिले सीसीटीवी फुटेज में कुछ युवक हाथ में तलवार लेकर चहलकदमी करते दिख रहे हैं। वहां पार्क लाल रंग की कार में तलवारों को रखने के बाद यह युवक भी अगवा करने वाले युवकों में शामिल हो गए।
यह सदस्य हुए अगवा
- डिकर सिंह मेवाड़ी, ककोड़
- प्रमोद सिंह, ओखलकांडा
- तरुण कुमार शर्मा, चापड़
- दीप सिंह बिष्ट, चौखुटा
- विपिन सिंह, जंगलियागांव
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