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    योगी, शिवराज के बाद चलेगा धामी का बुलडोजर, हल्द्वानी के 4356 निर्माणों पर होगी कार्रवाई

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Thu, 07 Apr 2022 10:13 PM (IST)

    Dhami bulldozer on encroachment अतिक्रमण मामले के याचिकाकर्ता का कहना है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा और तुष्टिकरण के लिए पूरे पहाड़ का विकास अवरुद्ध नही ...और पढ़ें

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    Now CM Dhami bulldozer run: करीब साढ़े चार हजार मकान कार्रवाई की जद में हैं।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : CM Dhami bulldozer: उप्र के सीएम योगी की बुल्डोजर कार्रवाई जग प्रसिद्ध है। अपराधी इसके डर से थाने में आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यही हाल मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान का है। वहां भी अपराधियों की अचल संपत्ति पर बुल्डोजर चल रहे हैं।

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    अब उत्तराखंड के सीएम धामी का बुल्डोजर अतिक्रमण पर चलने वाला है। इससे पूर्व में छोटी-मोटी कार्रवाई हुई हैं। पर इस बार बड़े पैमाने पर करीब साढ़े चार हजार मकान इसकी जद में हैं। 

    11 अप्रैल के बाद कभी भी

    नई सरकार बनने के बाद उत्तराखंड में पहली बार अतिक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरु हो गई है। हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर 4356 भवन कार्रवाई की जद में हैं। 11 अप्रैल के बाद कभी भी सीएम पुष्कर सिंह धामी का बुलडोजर चल सकता है।

    रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा

    40 साल पहले रेलवे की भूमि खाली थी। अतिक्रमण के मकडज़ाल ने जमीन को घेर लिया। इसके लिए जितना दोषी लोग हैं उतनी ही पूर्व की सरकारें भी। वोट बैंक के लिए लोगों का इस्तेमाल किया गया। 

    आधार-राशन कार्ड भी बनवा लिए

    रेलवे की जमीन पर बैठे लोगों के स्थाई प्रमाणपत्र के साथ ही आधार कार्ड व राशन कार्ड बनाए गए। गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट रविशंकर जोशी ने अतिक्रमण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। 

    कुल 29 एकड़ है कब्जे में

    हाई कोर्ट ने गफूर बस्ती रेलवे की 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन व रेलवे बोर्ड को निर्णय लेने के निर्देश दिए। साथ ही पूछा था कि पूर्व में रेलवे द्वारा दिए गए पत्र पर जिला प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई की गई? 

    हाईकोर्ट दे चुका है खाली कराने का आदेश

    हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन हरकत में है। डीएम धीराज गब्र्याल ने रेलवे अधिकारियों से 11 मार्च को अतिक्रमण हटाने का मास्टर प्लान मांगा है। रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।

    4356 वाद अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध

    सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में रेलवे ने 4365 लोगों को बिजली व पानी के कनेक्शन के आधार पर पूर्व में नोटिस जारी किए थे। रविशंकर जोशी की आरटीआइ के जवाब में रेलवे ने बताया गया है कि 4356 वादों की आपत्ति निस्तारित कर ली गई है।

    अतिक्रमणकारियों के पक्ष में कोई वाद नहीं सुनाया गया है। सभी वाद अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध हैं। नौ वादों में लोगों ने हाई कोर्ट से स्टे लिया है। अतिक्रमणकारियों को बेदखली का नोटिस भी दिया जा चुका है।

    हाई कोर्ट ने छह अप्रैल को तलब की है रिपोर्ट

    अतिक्रमण को लेकर इस बार जिला व रेलवे प्रशासन कतई कोताही नहीं बरतना चाहता है। हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन से छह अप्रैल को रिपोर्ट तलब की है। डीएम धीराज गब्र्याल लगातार रेलवे से संपर्क बना रहे हैं। इससे पहले रेलवे के डीआरएम आशुतोष पंत के साथ भी बैठक हो चुकी है।

    समाज के लिए कैंसर है अतिक्रमण

    याची रविशंकर जोशी ने कहा कि अतिक्रमण एक कानूनी और सामाजिक अपराध हैं, जो आज समाज में कैंसर की तरह फैल चुका है। कुछ नेतागण रेलवे की भूमि पर जबरन कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारियों के पक्ष में है। किसी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और तुष्टिकरण के लिए पूरे पहाड़ का विकास अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। गफूर-बस्ती से लेकर इंदिरानगर तक की रेलवे की 31.86 हेक्टेयर (80 एकड़) भूमि से अतिक्रमण हटाने से हल्द्वानी सहित पूरे कुमाऊं का विकास होगा।

    एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि 11 अप्रैल को डीएम के साथ बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में अतिक्रमण हटाने को लेकर फोर्स की उपलब्धता को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि कहां- कहां से फोर्स बुलाया जाना है ।