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    Uttarakhand High Court: अतिक्रमणकारियों को क्यों दिया अधिक समय? आपकी मंशा ठीक नहीं लगती

    By Jagran NewsEdited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Wed, 27 Sep 2023 08:26 PM (IST)

    उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऊधम सिंह नगर जिले के पंतनगर में नेशनल हाईवे नगला और जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर डीएफओ की ओर से अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय दिए जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने पीसीसीएफ को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने को भी कहा है।

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    कोर्ट ने डीएम से कहा है कि जिन मामलों में बेदखली आदेश हो चुके हैं, उन पर तत्काल कार्रवाई करें।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऊधम सिंह नगर जिले के पंतनगर में नेशनल हाईवे, नगला और जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर डीएफओ की ओर से अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय दिए जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की।

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    कोर्ट ने डीएफओ हिमांशु बागरी को व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए यह बताने को कहा है कि जब फॉरेस्ट एक्ट में अतिक्रमण हटाने का समय 10 दिन है तो कैसे अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय दिया गया। हमें आपकी मंशा ठीक नहीं लग रही है। कोर्ट ने पीसीसीएफ को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने को भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई को 12 अक्टूबर को होगी।

    बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी उदय प्रताप सिंह कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। कई जगहों से अतिक्रमण हटा दिया गया है। जहां-जहां अतिक्रमण हुआ है, उन लोगों को पीपी एक्ट के तहत बेदखली के नोटिस दिए गए हैं।

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    कोर्ट ने डीएम से कहा है कि जिन मामलों में बेदखली आदेश हो चुके हैं, उन पर तत्काल कार्रवाई करें। जो मामले तारीख पर लगे हैं, उनमें कोई तारीख नहीं बढ़ाई जाए। साथ ही पंतनगर विवि व नेशनल हाईवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए। याचिकाकर्ता अमित पांडे ने प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वर्ष 2021 में कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। वहां एक बार अतिक्रमण हटने के बाद फिर से अतिक्रमण किया जा रहा है।

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