सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं को हाई कोर्ट का जज बनाने का बार एसोसिएशन ने किया विरोध
उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के 48 अधिवक्ताओं को हाई कोर्ट के न्यायाधीश बनाने का प्रस्ताव कोलेजियम को भेजने का विरोध किया है। बार ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के 48 अधिवक्ताओं को हाई कोर्ट के न्यायाधीश बनाने का प्रस्ताव कोलेजियम को भेजने का विरोध किया है। बार एसोसिएशन ने कहा कि जिन तीन अधिवक्ताओं के नाम उत्तराखंड हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनाने के लिए भेजे जा रहे हैं, उन लोगों ने आज तक किसी भी न्यायालय में प्रैक्टिस नहीं की है। यह न तो उत्तराखंड के निवासी हैं और न ही इन लोगों को उत्तराखंड की राजनीतिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक घटनाओं की कोई जानकारी है। लिहाजा ऐसे में किसी अनुभवहीन का नाम न्यायाधीश बनाने के लिए भेजना अनैतिक है।
उत्तराखंड बार एसोसिएशन अध्यक्ष अवतार सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन को न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले पर नाम भेजने का अधिकार नहीं है। इसलिए जिन 48 लोगों के नाम न्यायाधीश बनाने के लिए भेजे गए हैं, वह गलत है। कहा कि वह जल्द ही सुप्रीम कोर्ट व कोलेजियम को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। कहा कि वैसे भी 1993 में उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के एक समूह को न्यायाधीशों के रूप में प्रोन्नत किए जाने योग्य अधिवक्ताओं को चिह्नित करने का अधिकार दिया गया था। इसलिए इस प्रकार की संस्तुति की कोई विधिक मान्यता नहीं है।
24 से हाईकोर्ट में सिर्फ भौतिक रूप से होगा न्यायिक कार्य
उत्तराखंड हाईकोर्ट में 24 अगस्त से न्यायिक कार्य केवल भौतिक रूप से होगा। अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुकदमों की सुनवाई नहीं होगी। सोमवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अधिवक्ताओं, वादकारियों व अन्य के लिए हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश के संबंध में बीती 27 जुलाई को जारी गाइडलाइन यथावत रहेगी, जिसके तहत कोर्ट में वही प्रवेश करेगा, जिसका कोर्ट में प्रवेश जरूरी होगा। बता दें कि कोविड सेकेंड वेव के बाद हालात गंभीर होने के बाद विडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई को रही थी।

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