Uttarakhand Forest Fire: गर्मी से बढ़ी तपिश, आग की चपेट में उत्तराखंड के जंगल; विकराल लपटें देख दहशत में लोग
Uttarakhand Forest Fire नैनीताल जिले के गरमपानी क्षेत्र में समीपवर्ती टूनाकोट से सटा गनाई का जंगल में आग धधकने से हड़कंप मच गया। गुरुवार शाम के वक्त एकाएक गनाई का जंगल वनाग्नि की चपेट में आ गया। दिन ढलने के साथ चली तेज हवा से आग और भड़क गई। वहीं गनाई के जंगल से उठी आग का रुख तिपोला क्षेत्र की ओर होने से खतरा कई गुना बढ़ गया है।
नवंबर से अब तक राज्य में 48 हेक्टेयर जंगल जला
नवंबर से अब उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों के जंगलों में आग लगने के कुल 46 मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं में 48.93 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, गढ़वाल के मुकाबले कुमाऊं में मामले कम दर्ज हुए हैं। लेकिन बढ़ती गर्मी और बारिश नहीं होने की वजह से वन विभाग के लिए आगे चुनौतियां और बढ़ेंगी। आरक्षित वन क्षेत्र के साथ-साथ वन पंचायतों के जंगल में भी आग लगी है।
मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि निशांत वर्मा की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 से चार अप्रैल के बीच गढ़वाल के जंगलों में 19 बार आग लगी। जिसकी वजह से 21.05 हेक्टेयर जंगल जला। जबकि कुमाऊं में इस अवधि में 12 घटनाओं में 14.93 हेक्टेयर जंगल राख हुआ। चिंता की बात यह है कि वन्यजीव क्षेत्र यानी नेशनल पार्क और अभयारण्य क्षेत्र में भी 15 बार आग लगी है। जिस वजह से इस क्षेत्र के 12.95 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा। वहीं, 46 में से 37 मामले आरक्षित वन और नौ वन पंचायत के अधिकार वाले जंगल से जुड़े हैं।
घायल कोई नहीं, पर्यावरणीय क्षति एक लाख से ज्यादा
जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए वनकर्मियों के अलावा दैनिक श्रमिकों की मदद भी ली जाती है। वनकर्मियों संग मवेशियों के आग की चपेट में आने के मामले शून्य हैं। हालांकि, आग के कारण पर्यावरणीय क्षति का आंकड़ा एक लाख रुपये को भी पार कर चुका है।