Uttarakhand Forest Fire: पहाड़ में जंगल संग 11 लोग भी जले, लेकिन आंकड़ों में पेड़ सिर्फ एक राख!
Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने इस बार विकराल रूप धारण कर लिया था। कुमाऊं के जंगलों में 902 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ ग ...और पढ़ें

सामने आई 1276 आग की घटनाएं
कुमाऊं में पर्वतीय क्षेत्र से जुड़ी डिवीजनों की स्थिति
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डिवीजन का नाम -जंगल में आग -पेड़ को नुकसान -
नैनीताल डिवीजन -34.65 हेक्टेयर -शून्य -
सिविल सोयम नैनीताल -कोई नहीं- शून्य -
सिविल सोयम रानीखेत -35.75 हेक्टेयर- शून्य -
अल्मोड़ा डिवीजन -117.1 हेक्टेयर -शून्य -
सिविल सोयम अल्मोड़ा -149.95 हेक्टेयर -शून्य -
बागेश्वर डिवीजन -55.87 हेक्टेयर -शून्य -
पिथौरागढ़ डिवीजन- 171.87 हेक्टेयर- एक -
चंपावत डिवीजन -74.54 हेक्टेयर -शून्य -
हल्द्वानी डिवीजन -31.98 हेक्टेयर -शून्य
तराई के जंगल में 12 पेड़ जले
मैदानी क्षेत्र में शामिल तराई केंद्रीय डिवीजन में पेड़ों के जलने का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। यहां इस फायर सीजन में 12 पेड़ राख हुए। 19 जून को भीषण आग की वजह से हल्द्वानी-दिल्ली हाईवे को भी दो घंटे तक बंद करना पड़ा था। चीड़ के जंगलों में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं सामने आईं। लेकिन यह सिर्फ जमीनी स्तर तक सीमित थी। पूरे पेड़ को नुकसान नहीं हुआ। इसलिए आंकड़े शामिल नहीं किए जाते। मानसून सीजन शुरू होते ही अधिकांश क्षेत्र में फिर से हरियाली नजर आने लग गई है।
- धीरज पांडे, सीसीएफ कुमाऊं

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