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    Uttarakhand Election Result 2022: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार के क्या हैं पांच अहम कारण

    uttarakhand election Result 2022 खटीमा से प्रत्यशी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए हैं। धामी को कुल 40 हजार 675 मत मिले हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्यशी भुवनचंद्र कापड़ी को 47626 मत मिले हैं। कापड़ी ने धामी को 6951 मतों से पराजित किया है।

    By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 05:46 PM (IST)
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    CM Dhami defeat Reasons : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार के कारण

    नैनीताल, स्कंद शुक्ल : CM Dhami defeat Reasons : उत्तराखंड चुनाव में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 6951 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी से चुनाव हार गए हैं। वहीं भाजपा अब तक के रुझानों में बहुमत सरकार बनाती दिख रही है। भाजपा ने युवा सीएम धामी के ही चेहरे पर चुनाव लड़ा था। लेकिन अंतत: मोदी फैक्टर ही चला। सूबे की जनता ने पीएम मोदी के चहरे पर वोट किया। यही कारण है कि कुछ माह पहले तक जहां ओपेनियन पोल में हरीश रावत को सूबे के सीएम चेहरे के तौर पर पहली पसंद बताया जा रहा था, वह खुद अपनी सीट पर करीब 16 हजार से अधिक सीटों से हार गए। चलिए जानते हैं खटीमा सीट से दो बार चुनाव जीतने वाले सीएम धामी की हार के पांच अहम कारण।

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    1. थारू वोट का शिफ्ट होना

    खटीमा सीट पर थारू मतदाता जीत हार का निर्धारण करते हैं। इस सीट पर तकरीबन एक लाख से अध‍िक वोटर हैं। ज‍िसमें से 40 हजार के करीब पर्वतीय मतदाता हैं। पुष्‍कर स‍िंह धामी और भुवन चंद्र कापड़ी दोनों ही पर्वतीय समाज हैं, ज‍िनके बीच मतों का समान व‍ितरण हो गया। क्षेत्र में करीब 30 हजार थारू मतदाता हैं, ज‍िनके रुझान ने जीत हार तय किया। इस बार थारू समाज का वोट कापड़ी की तरफ शिफ्ट हुआ है।

    2. राणा को कम वोट पोल होना

    थारू समाज से आने वाले रमेश राणा को समाज से अच्छा खास वोट मिलता रहा है। बीते चुनाव में बसपा उम्‍मीदवार रमेश राणा को 17,804 मत मिले थे। लेकिन इस बार राणा को सिर्फ 920 वोट मिले। कहा जाता है कि राणा को मिलने वाले वाेट से भुवन कापड़ी के वोट बैंक में सेंध लगती रही है। जिससे सीएम धामी को फायदा होता रहा है, लेकिन इस बार थारू समाज ने राणा पर भरोसा नहीं जताया और वोट कापड़ी की ओर शिफ्ट हो गया। जिससे धामी को हार का सामना करना पड़ा।

    3. एंटी इंकंबेंसी का इफेक्ट

    खटीमा सीट से धामी लगातार दो बार से चुनाव जीतते रहे हैं। 2012 में पहला चुनाव हुआ था। ज‍िसमें पुष्‍कर स‍िंह धामी का मुकाबला कांग्रेस के देवेंद्र चंद से हुआ था। इस चुनाव को धामी पांच हजार से अध‍िक वोटों से जीते थे। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने धामी को दोबारा उम्‍मीदवार बनाया। तब धामी ने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 2709 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार धामी के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी का भी असर देखने के लिए मिला।

    4. कापड़ी की मजबूत पकड़

    कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी की क्षेत्र में अच्छी-खासी पकड़ है। बीता चुनाव कापड़ी सिर्फ 2709 वोटों के अंतर से हारे थे। तब भुवन चंद्र कापड़ी को कुल 26830 और भाजपा प्रत्याशी पुष्कर सिंह धामी को 29,539 मत मिले थे। इस बार कापड़ी के साथ क्षेत्र के लोगों की सहानुभूति भी थी। जिसका असर सीएम धामी की हार के रूप में देखने के लिए मिला है।

    5. प्रियंका गांधी इफेक्ट

    खटीमा सीटा पर आखिरी समय में कांग्रेसी की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भुवन कापड़ी के पक्ष में जनसभा करने के लिए पहुंची थीं। चुनाव से ठीक पहले प्रियंका के जनसभा को संबोधित करने का प्रभाव पड़ा। जिसका असर वोटों के रूप में में दखेने के लिए मिला। भुवन चंद्र कापड़ी को कुल 47626 मत मिले हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी पुष्कर सिंह धामी को 40675 मत। बसपा प्रत्याशी रमेश सिंह को सिर्फ 920 वाेट मिले हैं।